सुधीर सिंह राजपूत, मिर्ज़ापुर. कभी-कभी आम जिंदगी में असाधारण साहस देखने को मिल जाता है, जो पूरे समाज के लिए मिसाल बन जाता है. ऐसा ही एक मामला जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के पर्शिया गांव से सामने आया है. जहां रहने वाली 50 वर्षीय महिला गीता देवी को सांप ने काट लिया, लेकिन वे घबराई नहीं, बल्कि काटने वाले सांप को एक डब्बे में बंद करके खुद इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गईं. उनके इस साहसिक कदम की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है.
इसे भी पढ़ें- झूठी है UP सरकार! एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, महाकुंभ भगदड़ में 37 नहीं 82 लोगों की मौत, क्या छुपाई गई सच्चाई?
बता दें कि देर रात गीता देवी अपने घर में बैठी थीं, तभी अचानक एक सांप ने उन्हें काट लिया. परिजनों में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन गीता देवी ने स्थिति को समझदारी से संभाला. उन्होंने सांप को डिब्बे में बंद किया और तत्काल अस्पताल की ओर रवाना हो गईं. अस्पताल में तैनात डॉक्टर पंकज कुमार सांप और पीड़िता को एक साथ देखकर आश्चर्यचकित रह गए.
जांच के बाद यह पता चला कि सांप विषैला नहीं था. डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद गीता देवी को घर भेज दिया.
इसे भी पढ़ें- ‘जननी’ बनी जी की जंजालः 6 साल की बेटी की गला घोंटकर मां ने की हत्या, 3 साल के बेटे को पहुंचाया अस्पताल, कत्ल की वारदात जानकर कांप जाएगी रूह
गीता देवी ने बताया कि मैंने पहले सुना था कि हर सांप जहरीला नहीं होता, इसलिए सोचा कि अगर डॉक्टर सांप को देखेंगे तो सही इलाज कर पाएंगे. डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि यह महिला जिस साहस और सूझबूझ के साथ अस्पताल पहुंचीं, वह काबिल-ए-तारीफ है. सांप को साथ लाने से हमें तुरंत यह पता चल गया कि विष नहीं फैला है, जिससे अनावश्यक एंटी-वेनम का प्रयोग टालकर उचित इलाज किया जा सका. घटना के बाद गीता देवी की पूरे गांव में चर्चा हो रही है. लोग उन्हें एक साहसी और जागरुक महिला के रूप में देख रहे हैं. उनका यह कदम समाज को यह सिखाता है कि घबराने की बजाय समझदारी और साहस से काम लिया जाए तो संकट के समय भी जीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें