लखनऊ. अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन खरीदी में बड़े घोटाले का आरोप लग रहा है. राज्यसभा सांसद व उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कागजातों के साथ यह आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पहले 2 करोड़ में जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया और 5 मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में मंदिर ट्रस्ट को बेच दी गई. दोनों कागजों में एक ही गवाह मंदिर ट्रस्ट में शामिल अनिल मिश्रा के दस्तखत है.

संजय सिंह ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने राममंदिर के निर्माण में आ रहे चंदे का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है. संजय सिंह ने कहा कि 2 करोड़ की खरीदी जमीन को कुछ ही मिनटों बाद ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में बिक्री के लिए अग्रीमेंट किया गया. ट्रस्ट रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर 16.5 करोड़ का भुगतान कर चुका है.

राज्यसभा सांसद ने कहा कि 2 करोड़ की खरीद व 18 करोड़ के एग्रीमेंट दोनो में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह है. ऋषिकेश उपाध्याय मेयर जो बैनामा में गवाह थे वही ट्रस्ट की खरीद में गवाह बने हैं. करोड़ों रुपए चंपत राय ने चंपत कर दिया. करोड़ों रुपए रामजन्मभूमि के नाम पर घोटाला कर दिया. संजय सिंह ने इस मामले की ईडी से सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

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संजय सिंह ने कहा कि श्रीराम के नाम पर भव्य मंदिर के नाम करोड़ो का चंदा दिया गया. गरीब लोगों ने आस्था पर चंदा दिया. उसमें भ्रष्टाचार किया जा रहा है. उन्होंने मांग की है कि नरेंद्र मोदी से CBI से इसकी जांच कराए. उन्होंने कहा कि इन सभी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पाप के लिए जिम्मेदार – चक्रपाणी महाराज

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज ने भी इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्म भूमि मंदिर ट्रस्ट द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पाप के जिम्मेदार है. क्योंकि मोदी ने राम मंदिर के पक्षकारों को ट्रस्ट में शामिल ना कर सिर्फ केंद्र सरकार की चापलूसी करने वाले विश्व हिंदू परिषद के डमी लोगों का ट्रस्ट बनाकर भ्रष्टाचार को निमंत्रण दिया और श्रीराम भक्त हिंदुओं को धोखा दिया. जिसका परिणाम सामने है. चक्रपाणी महाराज ने  इस मामले की सीबीआई जांच करने की मांग की है.

सपा ने भी दी इस पर प्रतिक्रिया

सपा प्रवक्ता मनोज यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह से ये घटना क्रम हुआ है. अयोध्या में दिमाग को झकझोर दिया. क्या 2 करोड़ की जमीन 17 करोड़ में खरीदी गई. क्या 5 मिनट में इतना पैसा कैसे बढ़ जाता है. किसी जमीन का इतना पैसा किस भाव से समझा जाए. इसकी जांच होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश में राम मंदिर को लेकर कई दशकों से राजनीति चल रही है. राम के नाम पर भ्रष्टाचार ये बात हिंदू समाज को अच्छी नही लगी. ये बीजेपी आरएसएस और मौजूदा अयोध्या के राममंदिर ट्रस्ट के लोगो को जवाब देना पड़ेगा.

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