नई दिल्ली. संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी हत्याकांड की जांच कर रहे एसआईटी की ताजा रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यह प्रदर्शन करने वाले किसानों के रुख की पुष्टि करता है कि घटना पूर्व नियोजित थी. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा टेनी समेत 13 आरोपियों के खिलाफ एसआईटी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के बाहरी इलाके में आशीष मिश्रा की एक एसयूवी की चपेट में आने से चार प्रदर्शनकारी किसानों और बाद की हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार सहित चार लोगों की मौत हो गई थी.

एसकेएम ने अपने एक बयान में कहा, “घटना के मुख्य मास्टरमाइंड, अजय मिश्रा टेनी, आजाद होकर घूमते हैं और केंद्र सरकार में अपना पद भी बनाए रखते हैं. ताजा निष्कर्षो के आलोक में, एसकेएम मांग करता है कि मोदी सरकार लखीमपुर खीरी में किसान हत्याकांड के इस साजिशकर्ता को बचाना बंद कर दे.” किसान उस समय लखीमपुर खीरी में, भारतभर में विभिन्न स्थानों पर, तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे थे. मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग दोहराते हुए एसकेएम ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अपना संघर्ष जारी रखेगा.

विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मजिस्ट्रेट को अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की है. “अब तक के विश्लेषण और एकत्र किए गए सबूतों से साबित हुआ है कि आरोपी ने लापरवाही और अनजाने में यह आपराधिक कृत्य नहीं किया, बल्कि जानबूझकर, पूर्व नियोजित रणनीति के तहत किसानों को मारने के मकसद से किया, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई.”