मुरादाबाद. समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने कांवड़ यात्रा QR कोड मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. एसटी हसन ने कहा, मैं हमेशा से कहता आ रहा हूं कि नाम छिपाकर कारोबार नहीं करना चाहिए. इस्लाम किसी को धोखा देने की इजाजत नहीं देता. हमारा ईमान है कि वही राजिक (रोजी देने वाला) है, जिसने हमें पैदा किया. QR कोड से तो यह पता चलता है कि सामान किसका है. इसमें कोई परेशानी नहीं है.

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आगे एसटी हसन ने कहा, इस प्रदेश और देश की स्थिति ऐसी हो गई है कि सियासत ने नफरत बहुत बढ़ा दी है, जिससे मुसलमानों का नुकसान होता है. तोड़फोड़ होती है, समस्याएं खड़ी होती हैं, और बाद में जो केस दर्ज होते हैं, वे मुसलमानों पर लिखे जाते हैं, मारने वालों पर नहीं. हमें अब इस तरह से बोलना और रहना चाहिए कि जो सच है, उसे सच्चाई से बताएं. यही हमारा मजहब कहता है, यही हमारा ईमान कहता है.

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दरअसल, कांवड़ यात्रा के दौरान यूपी सरकार के QR कोड लगाने के आदेश दिया था. जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया और कोर्ट ने कहा कि इस व्यवस्था से सुरक्षा और पारदर्शिता बनी रहेगी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी होटल मालिकों को लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिखाने का फरमान जारी किया है.