लखनऊ. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने हरियाणा में हुए शपथ ग्रहण समारोह को लेकर जमकर हमला बोला. इसकी वजह ये है कि भाजपा ने शपथ ग्रहण समारोह में कई राज्य के राज्यपालों को बुलाया था. जिस पर चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के साथ संविधान की भी धज्जियां उड़ाई गई हैं. ऐसे में संविधान को माथे पर लगाने वाले यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जवाब देना चाहिये कि संविधान की खुलेआम धज्जियां उड़ाने का जिम्मेदार कौन है?

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सांसद चंद्रशेखर आजाद ने (X) पर पोस्ट लिखते हुए कहा, कल चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदेश भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी के शपथ ग्रहण समारोह में सरेआम संविधान की धज्जियां उड़ाकर एक बार फिर ये साबित कर दिया गया कि मौजूदा सरकार के लिए संवैधानिक पद महज कठपुतली बनकर रह गए हैं.

एक तरफ भाजपा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे दूसरी तरफ आजादी के बाद पहली बार राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद को तमाशबीन बनाकर बैठा दिया गया. सोचिए संविधान निर्माता परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर होते तो क्या ये सब तमाशा देखकर उनको दुख नहीं होता कि कि हमने भारतीय राजव्यवस्था में राज्यपाल के पद का सृजन क्या इसीलिए कराया?

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शपथ ग्रहण में पहली बार कई राज्यों के राज्यपाल (गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना) को बुलाया गया, इससे साफ हो गया है कि भाजपा ने संवैधानिक पदों का राजनीतिकरण महज अपनी ब्रांडिंग के लिए किया है.

संविधान में राज्यपाल का पद राज्य सरकार के ऊपर एक निष्पक्ष भूमिका के लिये राज्य के संवैधानिक मुखिया के रूप में सृजित किया गया था, लेकिन कल मुख्यमंत्री जी के शपथ ग्रहण समारोह में तमाम राज्यों के राज्यपाल और एक उपराज्यपाल को बुलाकर एक मंच पर बैठाना यह साबित करता है कि वो राज्यपाल और उपराज्यपाल बनने के बाद, आज भी भाजपा के कार्यकर्ता हैं न कि संविधान में वर्णित संवैधानिक मुखिया.

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जब भी केन्द्र की भाजपा सरकार पर संविधान के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगते हैं तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी संविधान की रक्षा और उसके मूल्यों को बनाए रखने की बात करते हैं, लेकिन ये सब उनकी ही मौजूदगी में हो रहा था या यह कह सकते हैं कि उनके के ही दिशा-निर्देशन में हो रहा था.