लखनऊ. बीते 7 अक्टूबर को विधानसभा के सामने 40 वर्षीय मुन्ना विश्वकर्मा ने खुद को आग लगा ली थी. जिसकी आज इलाज के दौरान मौत हो गई है. मुन्ना विश्वकर्मा पैसे न मिलने के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. बंगाल टेंट हाउस में काम के लेन-देन का पैसा न मिलने पर आत्मदाह का प्रयास किया था. साथ ही मुन्ना ने आलमबाग थाने की मवईया पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं मुन्ना ने पुलिस के बड़े अफसरों को भी पत्र लिखकर मामले की शिकायत की थी.

बता दें कि 7 अक्टूबर को मुन्ना ने विधानसभा के बाहर खुद को आग लगा ली थी. जिसके बाद आपदा निरोधी दस्ते ने मुन्ना को बचाया था. उस समय वह 50 प्रतिशत झुलस गया था.

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घटना के दिन जो बात सामने आई थी उसमें कहा जा रहा था कि पुलिस की ओर से शिकायत पर कार्रवाई ना किए जाने से युवक ने ये कदम उठाया था. हालांकि पुलिस ये कहते हुए इंकार कर दिया था कि ये जांच का विषय है. जांच के बाद ही तथ्य सामने आएंगे.