लखनऊ। राजधानी लखनऊ की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट से निकांत जैन को जमानत मिल गई है। निकांत वही व्यक्ति हैं, जिन्हें IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश के लिए कमीशनखोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस पूरे मामले ने शासन-प्रशासन में पारदर्शिता और जांच की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

IAS अभिषेक प्रकाश से नहीं की पूछताछ

20 मार्च को लखनऊ पुलिस ने निकांत जैन को गोमती नगर इलाके से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद यूपी इन्वेस्ट के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया गया था। SIT द्वारा मामले की जांच के लिए गठित टीम ने निकांत जैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि मुख्य आरोपी बताए जा रहे IAS अभिषेक प्रकाश से अब तक पूछताछ तक नहीं की गई है।

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SIT के पास अभिषेक प्रकाश का बयान नहीं

पीड़ित कॉरपोरेट कंपनी अधिकारी ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया था कि उन्हें 5% कमीशन के लिए अभिषेक प्रकाश का नंबर देकर निकांत जैन से संपर्क करने को कहा गया। लेकिन SIT के पास अभिषेक प्रकाश का एक भी बयान मौजूद नहीं है। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या SIT पर दबाव है अभिषेक प्रकाश को बचाने का? जब पीड़ित ने नाम लिया, तो अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं ?