अनूप मिश्रा, बहराइच। डीएम मोनिका रानी पर बैठक के दौरान अपमान कर मीटिंग से भगाने के आरोप के साथ पंचायती राज विभाग के सभी कर्मी हड़ताल पर चले गए। सोमवार को पंचायत राज सेवा परिषद के अध्यक्ष व डीपीआरओ सर्वेश पांडेय के नेतृत्व में एक हजार से अधिक कर्मचारी विकास भवन में इकट्ठा हुए और धरना प्रदर्शन किया। साथ ही डीएम के स्थानांतरण तक प्रदर्शन जारी रहने की चेतावनी दी। पंचायत राज विभाग के कर्मियों के प्रदर्शन को सभी बीडीओ व कंसल्टिंग इंजीनियर्स संघ ने भी अपना समर्थन दिया है। कार्य बहिष्कार व प्रदर्शन के चलते सोमवार को पंचायत राज विभाग के सभी कार्य पूरी तरह ठप रहे।

सार्वजनिक रूप से अपमानित किया

पंचायती राज सेवा परिषद के जिलाध्यक्ष और जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) सर्वेश कुमार पांडेय ने आरोप लगाते हुए बताया कि शनिवार को डीएम मोनिका रानी ने भरी मीटिंग में उनके साथ अभद्रता की। मीटिंग में सार्वजनिक रूप से अपमानित कर मीटिंग से भगा दिया। यही नहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) निहारिका विश्वकर्मा व उनके अधीनस्थ अधिकारियों और जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) राजकुमार तथा सहायक विकास अधिकारी पंचायत को भी अपमानित करते हुए मीटिंग से भगा दिया गया। इससे पूरे विभाग में आक्रोश है। डीपीआरओ ने बताया कि जब तक डीएम का स्थानांतरण नहीं हो जाता है, कार्य बहिष्कार व प्रदर्शन जारी रहेगा।

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बीडीओ व कंसल्टिंग इंजीनियर्स ने भी दिया समर्थन

पंचायती राज सेवा परिषद के आह्वान पर शुरू हुए कार्य बहिष्कार व धरना प्रदर्शन को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण संघ, उत्तर प्रदेश पंचायत राज सफाई कर्मचारी संघ, ग्राम पंचायत अधिकारी संघ व सहायक विकास अधिकारी संघ का समर्थन पहले से ही प्राप्त है। सोमवार को इस प्रदर्शन व कार्य बहिष्कार को खंड विकास अधिकारियों के संगठन प्रादेशिक विकास सेवा संवर्ग संगठन व कंसल्टिंग इंजीनियर्स एवं आर्किटेक्ट कल्याण संघ ने भी अपना समर्थन दिया। सभी ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों ने अपने हस्ताक्षर के साथ पत्र जारी किया है।

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कर्मचारियों ने ये मांगे उठाई

  • जिलाधिकारी द्वारा खुले मंचों पर अधिकारियों को अपमानित करने पर सार्वजनिक माफी
  • प्रताड़ना के मामलों की उच्चस्तरीय जांच
  • अधिकारियों की गरिमा बनाए रखने हेतु प्रशासनिक आदेश

डीडीओ व डीपीओ ने दी सफाई

पंचायत राज सेवा परिषद ने अपने पत्र में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) निहारिका विश्वकर्मा (डीपीओ) व जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) राजकुमार को भी अपमानित करने की बात कही गई है। इस पर सोमवार को डीडीओ व डीपीओ ने सफाई दी है। डीडीओ राजकुमार ने बताया कि बैठक में सूचना न ले जाने पर डीएम ने उनसे बैठक से जाने को कहा था। किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है। वहीं इसी प्रकार से जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) निहारिका विश्वकर्मा ने भी सूचना नहीं ले जाने पर डीएम द्वारा सिर्फ जाने के लिए कहने का बयान जारी किया है।

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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है, जिससे विभागीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी के अपमानजनक व्यवहार से आहत होकर उन्होंने कार्यलय से बाहर आकर धरना प्रदर्शन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।