रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली : जिले के प्रभारी मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को एक बैठक के दौरान जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी। अचानक किए गए ‘रियलिटी चेक’ में मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय और डीएफओ मयंक अग्रवाल अपने सीयूजी नंबर पर कॉल न उठाकर फेल साबित हुए। इस घटना से नाराज मंत्री ने अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

लापरवाह अफसरों पर होगी कार्रवाई

बैठक में पत्रकारों की शिकायतों के आधार पर मंत्री ने दोनों अधिकारियों को तत्काल संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन न उठने से माहौल तनावपूर्ण हो गया। मंत्री सचान ने कहा, “अधिकारी जनता और सरकार के प्रति जवाबदेह हैं। 24 घंटे उपलब्धता उनकी जिम्मेदारी है। सीयूजी फोन न उठाना उनकी मनमानी और लापरवाही को दर्शाता है।

READ MORE: ‘8 सालों तक लोगों का खून चूसा…’, GST की नई दरें को लेकर अजय राय का बड़ा बयान, कहा- अब ये लोग…

मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसी कार्यशैली बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। इस मामले से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को तत्काल अपनी कार्यप्रणाली सुधारने के निर्देश दिए हैं। इस रियलिटी चेक ने जिले में प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।