लखनऊ/पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बिहार चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है।

ओपी राजभर ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी बिहार में 52 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने बिहार में गठबंधन के लिए कई बड़े नेताओं से संपर्क किया, लेकिन किसी की ओर से उन्हें ठोस जवाब नहीं मिला। ऐसे में अब सुभासपा ने अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया है।

ओमप्रकाश राजभर ने क्या कहा?

राजभर ने कहा, “हमने बिहार में कई नेताओं से बात की, गठबंधन की कोशिश की, लेकिन अभी तक किसी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। ऐसे में हमारी पार्टी ने फैसला लिया है कि हम बिहार की 52 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। हमारा वोट बैंक पूरी तरह से तैयार है और हमारे नेता भी चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”

राजभर के इस ऐलान को बिहार की सियासत में एक अलग समीकरण के रूप में देखा जा रहा है। खासकर पिछड़े वर्ग और अति पिछड़े वर्गों में उनकी पकड़ को ध्यान में रखते हुए, यह चुनाव परिणामों पर असर डाल सकता है।

ओमप्रकाश राजभर पहले भी उत्तर प्रदेश में अपने दम पर सियासी लड़ाई लड़ चुके हैं और कई मौकों पर गठबंधन में भी अपनी शर्तों को लेकर चर्चा में रहे हैं। अब बिहार चुनाव में उनके अकेले लड़ने के फैसले से नए राजनीतिक समीकरण बनते हुए नजर आ सकते हैं।

क्या कहता है सुभासपा का गणित?

सुभासपा का मुख्य आधार पिछड़े, अति पिछड़े और दलित वर्ग के वोटर हैं। बिहार में भी इन वर्गों की अच्छी खासी संख्या है, खासकर सीमांचल, मगध और भोजपुर इलाके में। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सुभासपा को इन इलाकों में कितनी सफलता मिलती है।

Read More: महागठबंधन में सीट बंटवारे पर घमासान, कांग्रेस ने दी चेतावनी, तेजस्वी की कोर्ट में पेशी, मुकेश सहनी और पप्पू यादव ने भी लिखी ये बात