मेरठ की प्राइवेट यूनिवर्सिटी प्रबंधन (सुभारती विश्विद्यालय) ने सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को अल्पसंख्यक वर्ग की सीटों पर फ़र्जी धर्म परिवर्तन सर्टिफिकेट के सहारे एमबीबीएस में दाखिला कर डाले. यूपी में MBBS नीट यूजी की पहले चरण की काउंसलिंग के बाद मेडीकल कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है.

20 में से 8 ने अल्पसंख्यक श्रेणी “बौद्ध-धर्म” का फ़र्जी सर्टिफिकेट दाखिला प्रक्रिया में लगाकर मेरठ के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन भी ले लिया. NEET-UG के वाया 20 युवकों ने आनन-फानन में अल्पसंख्यक वर्ग के जारी हुए प्रमाणपत्र के सहारे एमबीबीएस में दाखिला लेने की पोल खुल जाने पर कइयों ने खुद सीट छोड़ दी और कइयों के DG मेडिकल एजुकेशन ने प्रवेश रद्द कर दिये हैं.

जांच में सामने आया कि नियमों का पालन किये बिना प्रमाण पत्र बनवाया गया और मेरठ की प्राइवेट यूनिवर्सिटी (सुभारती विश्विद्यालय) की सांठगांठ से दाखिले में गड़बड़ी की शिकायत राज्य शासन और चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्राप्त होने बाद लखनऊ से भेजे गये निर्देश पर मेरठ के जाट-चौधरी हिंदू युवक का अल्पसंख्यक (बौद्ध) प्रमाण पत्र निरस्त किया गया. फ़र्जी धर्म बदलने वालों में मित्तल कौर त्यागी सरनेम वाले भी रहे हैं.

क्या है आरोप?

चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक से कई गई शिकायत में आरोप लगाया. उत्तर प्रदेश में मेडिकल के छात्रों की काउंसिलिंग में अल्पसंख्यक दर्जे के नाम पर प्राइवेट यूनिवर्सिटी द्वारा पहले की तरह इस बार भी एमबीबीएस दाखिले में घोटाला चल रहा है. मेरठ के उक्त प्राइवेट विश्वविद्यालय में बौद्ध अल्पसंख्यक के नाम पर ट्यूशन फीस और अन्य शुल्क के अलावा लाखों रुपए लेकर सामान्य उम्मीदवारों को अल्पसंख्यक कोटे से एमबीबीएस में एडमिशन दिए जाने की खबर से शासन स्तब्ध है.

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