नई दिल्ली/लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में समाजवादी पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की याचिका दायर हुई है. यह याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की तरफ से दायर की गई है.

अश्विनी उपाध्याय ने दलील दी है कि सपा ने कुख्यात गैंगस्टर नाहिद हसन को अपना उम्मीदवार बनाया था और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार उनके क्रमिनिल रिकॉर्ड को सामने नहीं रखा था. याचिका में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने कुख्यात गैंगस्टर नाहिद हसन को कैराना से उम्मीदवार बनाया था और उसके क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी भी नहीं दी थी. बता दें कि गैंगस्टर नाहिद हसन को अब गिरफ्तार कर लिया गया है. सपा ने अब नाहिद की जगह उनकी बहन इकरा को टिकट दिया है. याचिका में कहा गया है कि नाहिद हसन दो बार विधायक रह चुके हैं. शामली पुलिस ने नाहिद हसन के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इसके अलावा भी नाहिद हसन के खिलाफ कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें कैराना के कुछ मुस्लिम बहुल इलाकों से हिंदू परिवारों के पलायन के मामले भी शामिल हैं.

याचिका में कहा गया कि सपा ने नाहिद को टिकट दिया, लेकिन उनके क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी किसी भी माध्यम से नहीं दी थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ा निर्देश दिया था. कहा गया था कि राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवार का क्रिमिनल रिकॉर्ड टिकट पक्की होने के बाद 48 घंटे में प्रकाशित करना होगा. इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि पार्टियों को इस बात की जानकारी भी देनी होगी कि वे बेदाग छवि वाले लोगों को छोड़कर दागी नेता को टिकट क्यों दे रही हैं. कोर्ट ने राजनातिक पार्टियों को चेतावनी भी दी थी कि वे निर्देशों का उल्लंघन ना करे.