अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में रामलला मंदिर के ध्वजारोहण अनुष्ठान से पूर्व मंदिर परिसर में सप्त मंदिरों के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज एवं माता शबरी के सप्त मंदिरों से वह बोध एवं भक्ति प्राप्त होती है, जो हमें प्रभु राम के चरणों के योग्य बनाती है।
वैदिक धर्म के संरक्षक माने जाते हैं
बता दें कि हिंदू धर्म में सप्त ऋषि का विशेष महत्व है। इन्हें वैदिक धर्म का संरक्षक कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में जिन सप्त ऋषियों का जिक्र है उनमें कश्यप ऋषि, अत्रि ऋषि, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि और भारद्वाज ऋषि शामिल हैं. इन ऋषियों की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के मस्तिष्क से हुई थी। इनको वेदों, पुराणों और ज्योतिष का अथाह ज्ञान था। इन्हें “सप्तर्षि तारामंडल” के रूप में आकाश में भी दर्शाया गया है।
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पीएम ने क्या कहा
पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि आज अयोध्या में रामलला मंदिर के ध्वजारोहण अनुष्ठान से पूर्व मंदिर परिसर में सप्त मंदिरों के दर्शन कर आशीर्वाद लेने का सौभाग्य भी मिला। महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज एवं माता शबरी के सप्त मंदिरों से वह बोध एवं भक्ति प्राप्त होती है, जो हमें प्रभु राम के चरणों के योग्य बनाती है।
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