लखनऊ। चित्रकूट में जहरीली शराब से अबतक 7 मौते हो चुकी है. इस मामले पर योगी सरकार ने एसडीएम, सीओ और जिला आबकारी अधिकारी को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा हल्का प्रभारी, बीट कांस्टेबल और लेखपाल को भी निलंबित किया गया है.

वहीं अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि चातर सेन के खिलाफ बीजेपी के विधायकों ने सितंबर में पत्र लिखकर शिकायत की थी. इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. सूत्रों के अनुसार जिला आबकारी अधिकारी को लखनऊ में बैठे बड़े अधिकारीयों का सरक्षण प्राप्त है. इसलिए उन्हें आज तक यहाँ से नहीं हटाया गया है.

जानकारी के अनुसार चित्रकूट के विधायकों ने सितंबर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र के माध्यम से जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन अफसर का संरक्षण होने की वजह से चातर सेन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस पत्र में बीजेपी के कई नेताओं ने हस्ताक्षर किया था.

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पत्र में चातर सेन पर गंभीर आरोप लगाया गया था. पत्र में लिखा है कि चित्रकूट के जिला आबकारी अधिकारी चातर सेन की कार्यशैली सरकार विरोधी है. इस पत्र में राज्यमंत्री चंद्रिका उपाध्याय के भी हस्ताक्षर है. वहीं विधायक आनंद शुक्ला के लेटरहेड पर शिकायत की गई है. पत्र में चातर को हटाने की मांग की गई थी, लेकिन चातर सेन को आज तक नहीं हटाया गया है.

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बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट जिले के थाना राजापुर स्थित ग्राम खोपा में जहरीली शराब पीने से हुई मृत्यु की घटना को गंभीरता से लेते हुए उप जिलाधिकारी, राजापुर, राहुल कश्यप विश्वकर्मा, क्षेत्राधिकारी, राजापुर, रामप्रकाश और जिला आबकारी अधिकारी, चतर सेन चित्रकूट को पर्यवेक्षणीय दायित्वों के निर्वहन के अभाव में तात्कालिक प्रभाव से निलंबित किए जाने के निर्देश दिए है.