लखनऊ. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों ने मतदाताओं के विभिन्न वर्गों को लुभाने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं. इसी कड़ी में सत्तारूढ़ दल भाजपा और कांग्रेस गन्ना किसानों को अपनी तरफ करने में जुटे हुए हैं. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों के लाभ के लिए उठाए गए कदमों को गिनाया, वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनका खंडन किया. बीजेपी किसान मोर्चा  मुख्यमंत्री का बचाव करने और कांग्रेस नेता को खारिज करने के लिए विस्तृत आंकड़े लेकर आया है.

बता दें कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की तीन सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं.  किसानों के विरोध के मद्देनजर ये घटनाक्रम महत्वपूर्ण हैं क्योंकि प्रदर्शनकारियों में पंजाब और हरियाणा के साथ ही पश्चिमी यूपी के किसान भी शामिल हैं. इसी बीच, 25 अगस्त को दो घटनाक्रम हुए. पहला, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि पश्चिमी यूपी के ‘चीनी कटोरे’ में चीनी मिलों को बंद कर दिया गया था. अब हमारी सरकार में कई नई चीनी मिलें शुरू की गई हैं और कुछ बंद चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाई गई है.  उन्होंने दावा किया कि 2007 और 2016 के बीच गन्ना किसानों को केवल 95 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, वहीं 2017 और 2021 के बीच यूपी में 45.74 लाख से अधिक गन्ना किसानों को 1.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है. वर्ष 2016-17 में जहां 6 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी, वहीं इस साल कोरोना के बावजूद रिकॉर्ड 56 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है.

दूसरा, मोदी सरकार ने अक्टूबर 2021 से शुरू होने वाले अगले चीनी सीजन के लिए गन्ने का एक नया उचित और लाभकारी मूल्य 290 रुपए प्रति क्विंटल, पिछले वर्ष की तुलना में 5 रुपए की वृद्धि को मंजूरी दी. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस फैसले से देश भर में चीनी मिलों में कार्यरत 5 करोड़ गन्ना किसानों के साथ-साथ 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा.

सीएम योगी के दावों के जवाब में प्रियंका गांधी ने गुरुवार को योगी सरकार पर गन्ना किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया.  उन्होंने एक ट्वीट में कहा, उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए बिजली की लागत कई गुना बढ़ गई है.  डीजल के दाम सौ गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं, लेकिन किसानों के लिए 2017 से गन्ने की कीमत में 0 रुपये की वृद्धि हुई है. आखिर किसानों के साथ यह अन्याय क्यों?

खबर के मुताबिक, बीजेपी किसान मोर्चा ने गुरुवार को योगी सरकार के समर्थन में आकर प्रियंका के आरोपों का खंडन किया. मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर, जो यूपी भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष हैं, ने कहा कि जब से मोदी पीएम बने हैं, गन्ना किसानों का कल्याण उनकी प्रमुख चिंता रही है और वह उनके हित में कई कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की स्थिति इतनी अच्छी नहीं होती, अगर मोदी ने उनके हितों की रक्षा के लिए ऐतिहासिक फैसले नहीं लिए होते.