प्रतापगढ़. वैसे तो भाजपा सरकार खुद को किसान हितैषी बताती है, लेकिन असल में ढकोसला और जुमला है! भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुना करने का भी दावा करती है. हालांकि, दावे सफेद झूठ से कम साबित नहीं हो रहे. भाजपा राज में किसानों की दुर्दशा है. किसान खाद को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने और आसू बहाने पर मजबूर हैं. खाद के बदले किसानों को जिल्लत और लाठियां मिल रही है. सरकार आकड़ें पेश कर खाद की किल्लत न होने का दावा कर रही है. आलम ये है कि किसान खाद को लेकर दर-दर भटकते नजर आ रहे हैं. स्थिति इतनी विकराल है कि खाद के संकट को लेकर किसान सड़कों पर भी नजर आए. खाद को लेकर यूपी सरकार की पुलिस ने कई जगहों पर किसानों पर लाठियां तक भांजी है. जिसके कई वीडियो सामने भी आए हैं. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि भाजपा सरकार में किसानों की ऐसी दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है? भाजपा राज में अन्नदाताओं के अच्छे दिन कब आएंगे? सवाल तो ये भी उठ रहे हैं कि क्या कृषि मंत्री खाक छान रहे हैं?
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बता दें कि पूरा मामला प्रतापगढ़ जिले के बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति, अमावा-लालगंज का है. जिले के किसान खाद के लिए महीनें से भटक रहे हैं. हर रोज घंटों इसी उम्मीद से लाइन लगाते हैं कि उन्हें खाद मिलेगी, लेकिन इंतजार के सिवाय कुछ हाथ नहीं लग रहा. स्थिति ऐसी है खाद्य वितरण केंद्र पर मारपीट तक की नौबत देखने को मिल रही है. इतना ही नहीं बुजुर्ग किसान गर्मी और भूेख-प्यासे होने के कारण बेहोश होकर गिर रहे हैं.
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किसानों का कहना है कि खाद न मिलने से खेती चौपट हो रही है. सरकार पर्याप्त खाद होने का दावा कर रही है, लेकिन खाद मिल नहीं रही है. दिन भर लाइन में लगने के बाद भी कुछ हाथ नहीं लगता. सरकार सिर्फ आंकड़े पेश करती है, खाद उपलब्ध नहीं करा रही है. इससे पहले ऐसी विकराल स्थिति पैदा नहीं हुई. खाद की किल्लत की समस्या सुनने के लिए कोई जिम्मेदार सामने नहीं आ रहा है.
अंबेडकनगर में खाद के लिए किसानों ने किया था सड़क जाम
बीते रविवार को महरुआ बहुउद्देशीय सघन सहकारी समिति केंद्र में भी किसान लंबी लाइनें लगाकर खाद लेने के लिए खड़े थे. जिसके बाद उन्हें जानकारी दी गई कि रविवार को खाद का वितरण नहीं किया जाएगा. जिसके बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. गुस्साए किसानों ने सुल्तानपुर-अंबेडकरनगर राष्ट्रीय राजमार्ग में जाम लगा दिया था. इस दौरान किसानों ने जमकर हंगामा किया था. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी. जिसके बाद पुलिस ने किसानों से बातचीत की और खाद वितरण का आश्वासन देकर 1 घंटे बाद जाम खुलवाया था.
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