प्रयागराज. एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक महिला ने नसबंदी के बाद एक बच्ची को जन्म दिया. जिसे लेकर महिला ने कोर्ट में डॉक्टर की लापरवाही को लेकर याचिका दायर का मुआवजा की मांग की थी. मामले की सुनवाई करते हुए स्थाई लोक अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि महिला और उसकी अनचाही संतान को सरकार मुआवजा दे.

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बता दें कि एक महिला ने मऊआइमा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रयागराज में नसबंदी कराई थी. जहां उसे डॉक्टर ने बताया था कि उसकी नसबंदी सफल हो गई है. आगे वह अब मां नहीं बन पाएगी. वहीं ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद महिला को पेट में असहजता महसूस हुई. जिसके बाद महिला ने जांच कराई तो उसके होश उड़ गए. महिला को पता चला कि वह प्रेग्नेंट है. 9 महीने बाद महिला ने बच्ची को जन्म दिया.

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वहीं उसके बाद डॉक्टर की लापरवाही को लेकर महिला ने सीएमओ प्रयागराज को पक्षकार बनाते हुए स्थाई लोक अदालत में वाद दायर किया था और डॉक्टरों की चूक के लिए मुआवजे की मांग की थी. जिसे लेकर प्रयागराज के स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन विकार अहमद अंसारी, सदस्य डॉ रिचा पाठक और सत्येन्द्र मिश्रा ने सुनवाई की. लोक अदालत ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह याची के अनचाही संतान बच्ची के पोषण के लिए दो लाख रुपए तथा उसके शिक्षा, रखरखाव आदि के लिए 5 हजार रुपए प्रतिमाह बच्ची की 18 वर्ष की आयु तक अथवा उसके ग्रेजुएशन की डिग्री लेने तक, जो भी पहले हो भुगतान करें. साथ ही महिला को 20 हजार रुपए देने के भी आदेश सरकार को दिए.