प्रयागराज. जिंदा इंसान का इलाज करते तो सबने सुना और देखा है. लेकिन नैनी के मंथन हॉस्पिटल में मुर्दों का भी इलाज होता और उन्हें जिंदा किए जाने का डॉक्टर दावा करते हैं. जहां एक युवक की मौत के बाद उसे वेंटीलेटर पर रखा गया और परिजनों से कहा गया सांसें आ जाएंगी. उसके बाद पैसे जमा करने कहा गया. इसके बाद मामला बढ़ा तो डॉक्टरों और स्टाफ ने मृतक के परिवार की एक महिला का सिर भी फोड़ दिया. अब सवाल उठ रहा है कि आखिर ये पूरा खेल ‘नकारे सिस्टम’ के नाक के नीचे कैसे चल रहा था.

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बता दें कि पूरा मामला नैनी इलाके में अरैल मोड़ के पास मंथन हॉस्पिटल का है. जहां करछना के महोरी रीवा के पीआरडी जवान सुनील कुमार की अचानक तबियत बिगड़ने पर मंथन अस्पताल लेकर पहुंचे थे. इस दौरान डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. हालांकि, इस दौरान डॉक्टरों ने कहा, वेटिंलेटर पर रखने से सांसें वापस आ जाएगी. उसके बाद सुनील कुमार को वेंटिलेटर पर डाल दिया. उसके बाद परिजनों ने अंदर जाकर देखा तो मरीज वेंटिलेटर पर मृत अवस्था में था.

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उसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों से डेड बॉडी ले जाने के लिए कहा. जिस पर डॉक्टरों ने फिर से कहा कि वेंटिलेटर पर थोड़ी देर में सांसें वापस आ जाएगी. जब शव ले जाने की कोशिश की तो 40 हजार रुपए की डिमांड की. इस दौरान विवाद की स्थिति बनी. डॉक्टरों औऱ स्टाफ ने मृतक के परिजनों के साथ मारपीट करते हुए महिला का सिर फोड़ दिया. उसके बाद मौके से भाग गए. पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मृतक का शव भी परिजनों के हवाले कर दिया है. मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाने की बात कही जा रही है.