प्रयागराज. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल कर उन्हें हटाने की मांग की गई है. याचिका के जरिए सीएम योगी के उस बयान का विरोध किया है, जिसमें सीएम योगी ने हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के समर्थन में बयान दिया था.

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बता दें कि 8 दिसंबर को प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यक्रम में जस्टिस शेखर कुमार यादव ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन का समर्थन करते हुए कहा था कि कानून तो भइया बहुसंख्यक से ही चलता है. उन्होंने ये भी कहा था कि ‘कठमुल्ले’ देश के लिए घातक हैं.’ इस बयान का सीएम योगी ने समर्थन किया था. अब इसी मामले को लेकर पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने याचिका दाखिल किया है. याचिका के जरिए सीएम योगी के बयान को मुख्यमंत्री के पद की शपथ का उल्लंघन करने की बात कही गई है. ऐसे में सीएम योगी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की है.

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याचिका के जरिए कहा गया है कि में जस्टिस शेखर कुमार यादव के बयान का सीएम योगी ने समर्थन कर मुख्यमंत्री के पद का उल्लंघन किया है. भारत के संविधान के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा को तोड़ा है. इसीलिए सीएम योगी को उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए.

क्या कहा था सीएम योगी ने

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव को अपना समर्थन देते हुए कहा था कि जस्टिस शेखर ने समान नागरिक संहिता की बात कही. अगर किसी ने सच्चाई कही तो ये कोई अपराध नहीं है.