Mahakumbh 2025. महाकुंभ के दौरान संगम में श्रद्धालुओं का स्नान लगातार जारी है. कुंभ मेले के भव्यता की चर्चा न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है. इस आयोजन में देशभर से तो लोग आ ही रहे हैं. साथ ही सात समंदर पार के लोग भी संगम नगरी में पधार रहे हैं. महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. 

इसे भी पढ़ें- LOVE, LUST, SEX और धोखाः युवक ने 2 बच्चों की मां को प्यार के जाल में फांसा, कई बार बनाए शारीरिक संबंध, फिर…

बता दें कि अब तक 9.73 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है. 10 लाख से अधिक लोग महाकुंभ में कल्पवास कर रहे हैं. गुरुवार सुबह 10 बजे तक 23.22 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है. वहीं गुरुवार सुबह 10 बजे तक 23.22 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है.

इसे भी पढ़ें- यह साधु की भाषा नहीं… मुलायम सिंह पर विवादित टिप्पणी से भड़के महंत ज्ञानदास, बोले- राजू दास संत नहीं, उसे अयोध्या पहुंचकर बताऊंगा

महाकुंभ क्यों मनाया जाता है

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है.

जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.