विक्रम मिश्र, वाराणसी. नया साल खगोलीय घटना का साक्षी बनेगा. महाकुम्भ के साथ दो ग्रहण का सहयोग भी बन रहा है. मौनी अमावस्या और भौमवती अमावस्या का सहयोग हर किसी के लिए महापुण्यदाई रहेगा. खासबात ये है कि धरती के एक पखवाड़े में सूर्य और चंद्रग्रहण दोनों होंगे.

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बता दें कि बृहस्पति के अस्त होने के कारण चातुर्मास से महीने भर पहले ही मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा. इसलिए लग्न मुहूर्त के लिए 5 महीने 20 दिनों का इंतज़ार करना पड़ेगा.

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ज्योतिषाचार्य आचार्य भुनेश त्रिपाठी ने लल्लूराम डॉट कॉम को बताया कि वर्ष के पूर्वार्ध में प्रयाग में महाकुम्भ होगा. 13 जनवरी से माघ स्नान के यम नियम और व्रत की शुरुआत हो जाएगी. विवाह की दृष्टि से हर वर्ष चातुर्मास के चलते चार माह मांगलिक शुभ कार्य नहीं होते हैं. 2025 में देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से इस बार चातुर्मास से एक माह पूर्व ही मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा.