मेरठ. यूपी में भाजपा सरकार में विकास कहीं खो गया है. विकास को खोजने की जरूरत है. हालांकि, भाजपा और उसके नेता डबल इंजन में तथाकथित विकास का राग अलापते हैं, लेकिन असलियत में विकास कहां है, ये तो भगवान ही जाने. डिप्टी CM ब्रजेश पाठक स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करने से थकते नहीं हैं. लेकिन अब उनके खोखले दावों और निकम्मे सिस्टम की वजह लोगों के लिए काल बन रही है! सरधना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है और मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए जमकर हंगामा किया.

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बता दें कि नवाबगढ़ी निवासी शमा (32) को प्रसव पीड़ा के बाद इलाज के लिए सरधना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. जहां डॉक्टर उसे प्रसव कक्ष में ले गए. इलाज के दौरान शमा को दिल का दौरा पड़ा और उसकी सांसें उखड़ गई. जिसके बाद डॉक्टरों ने शमा को इलाज के लिए मेरठ रेफर कर दिया. परिजनों का दावा है कि डॉक्टरों ने पल्स चलने की बात कहकर रेफर किया, लेकिन उससे पहले उसकी और बच्चे की मौत हो गई थी.

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वहीं परिजनों ने मौत के बाद अस्पताल में जमकर बवाल काटा. शमा की सास का कहना है कि समय पर अस्पताल लाए थे, लेकिन डॉक्टरों ने लापरवाही बरतते हुए इलाज में देरी की. जिसकी वजह से घटना हुई. इस मामले में न सिर्फ एक महिला की मौत हुई, बल्कि एक मासूम जिंदगी की भी मौत हो गई, जिसने दुनिया को देखने से पहले ही अलविदा कर दिया. जिसका जिम्मेदार कोई और नहीं बदहाल व्यवस्था और सरकार में बैठे मंत्री के झूठे दावे हैं! जो और कितनों का काल बनेंगे ये किसी को नहीं पता.