रायपुर. केंद्र सरकार के विवादित तीन कृषि कानून का विरोध अब छत्तीसगढ़ में भी जोरदार होने लगा है. गरियाबंद जिले के राजिम में 28 सितंबर को होने वाली किसान महापंचायत की तैयारी तेज हो गई है. किसान महापंचायत को लेकर किसान नेता आस-पास के गांवों और जिलों से लेकर छत्तीसगढ़ के कोने-कोने तक जा रहे हैं. किसान नेता यहां तक के ओड़िसा और महाराष्ट्र की सीमाओं से लगे गांवों के किसानों से भी संपर्क कर रहे हैं.
आयोजक मंडल के सदस्य तेजराम विद्रोही, पारसनाथ साहू और जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ के उड़ीसा बॉर्डर से लगे रायगढ़ जिला के विभिन्न किसान, मजदूर और नागरिक संगठनों की बैठक कर किसान महापंचायत की आवश्यकता और उसकी सफलता पर चर्चा की. इसमें उपस्थित 10 संगठनों और 25 से अधिक किसान नेताओं ने आश्वत किया कि किसान महापंचायत की सफलता के लिए एक बड़ी काफिले के साथ सम्मिलित होंगे. क्योंकि यह लड़ाई छत्तीसगढ़ के सभी किसानों, मजदूरों और आम उपभोक्ताओं की है. अगर एमएसपी से लाभ मिलेगा तो छत्तीसगढ़ के हर गांव के किसानों और भारत के किसानों को मिलेगा. इसलिए उपस्थित किसान प्रमुखों ने प्रचार प्रसार का जिम्मा लेते हुए बड़ी संख्या में शामिल होने का आश्वासन दिया.
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बैठक में लल्लूसिंह, मदन पटेल, फणींद्र प्रधान, लंबोदर साव, फत्तेचंद पटेल, नंदकिशोर, बिस्वाल, देवनारायण पटेल, नरेंद्र सिंह नागपाल, हेमसागर पटेल, मोहन पटेल, कृष्णचंद प्रधान, विष्णु सेवक गुप्ता, हरविंद्र चौधरी आदि उपस्थित रहे.
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