लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. 2022 के चुनाव से पहले सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां शुरू हो गई हैं. प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मध्य प्रदेश के सभी कार्यक्रम निरस्त करके अचानक लखनऊ पहुंच गई हैं. अचानक आनंदीबेन पटेल का लखनऊ पहुंचना और राजभवन में शुरू हुई तैयारियों के बाद यह तय हो गया है कि उत्तर प्रदेश मंत्रीमंडल का दूसरा विस्तार 28 या 29 मई के बीच में होगा. मंत्रिमंडल विस्तार का समय और तारीख अभी फाइनल नहीं किया गया है, लेकिन तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व आईएएस एके शर्मा को डिप्टी सीएम बनना तय है. वहीं, केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान सौंपते हुए ओबीसी चेहरे के साथ भाजपा चुनाव में जा सकती है. 19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था. उस दौरान उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे. कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है. हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी, जबकि पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था.

यूपी में कैबिनेट मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 तक हो सकती है. पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी. 3 नए चेहरों के साथ राज्यमंत्री को मिलाकर 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी और 11 विधायक को राज्य मंत्रियों को उत्तर प्रदेश सरकार में जगह दी गई थी.

यह है यूपी के मंत्रीमंडल की संख्या

उत्तर प्रदेश सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं. मौजूदा समय में योगी सरकार के मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं. इस तरह से यूपी सरकार में फिलहाल कुल 54 मंत्री हैं, जिसके लिहाज से 6 मंत्री पद अभी भी खाली है. कोरोना महामारी में कोरोना से उपजे असंतोष और पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद से भाजपा की चिंता अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ गई है. सूबे के विधानसभा चुनाव में महज आठ महीने का समय बाकी है.

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6 मंत्री ले सकते हैं शपथ

योगी सरकार में फिलहाल 6 मंत्री पद खाली पड़े हैं. ऐसे में योगी सरकार अगर अपने कैबिनेट से किसी भी मंत्री की नहीं हटाती है तो भी 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसे में चुनावी साल होने के चलते योगी सरकार अपने कैबिनेट में कुछ नए लोगों को शामिल कर प्रदेश के सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकती है.

कई लोगों की जा सकती है गद्दी 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार शाम को राज्यपाल से मिलने पहुंचेंगे. अचानक घट रहे इन घटनाक्रमों से प्रदेश में बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है. राजधानी में कई विभागों में हलचल मची हुई है. दरअसल, अंदेशा लगाया जा रहा है कि, आज योगी सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार हो सकता है. जिससे कई विधायकों को आज मंत्री का टैग मिल सकता है. यही नहीं इस फेरबदल में यह आशंका जताई जा रही है कि कई मंत्रियों का मंत्रालय छिन भी सकता है. अर्थात कई लोगों की गद्दी जा सकती है तो कई नए चेहरों को नया दायित्व मिल सकता है.

ए.के. शर्मा को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म

बता दें कि, यूपी में अभी छह मंत्री पद खाली हैं. विस्तार हुआ तो छह नए चेहरों को जगह मिल सकती है. इसके साथ ही पीएम मोदी के करीब और इसी वर्ष एमएलसी चुने गए ए.के शर्मा को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. हालांकि यह तो बैठक के बाद में ही साफ होगा कि प्रदेश में कौन कौन से बदलाव होने जा रहे हैं. लेकिन फिलहाल सरकार एवं संगठन दोनों में बदलाव का अंदेशा जताया जा रहा है.

अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं

संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के लखनऊ आने और बैठकों के बाद वापस जाने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री का राज्यपाल से मिलना और राज्यपाल का अपने कार्यक्रम निरस्त करके तत्काल राजधानी पहुंचना यह दर्शाता है कि, प्रदेश में सब कुछ शांत तो नहीं है. अर्थात कुछ तो बदलाव होने वाला है और वो भी बड़ा बदलाव होने वाला है. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है.

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