लखनऊ. योगी सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत प्रमुख सचिव ने सभी मंडल आयुक्त और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर सरकारी कार्यलयों से बाहर के व्यक्तियों को बाहर करने का निर्देश दिया है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कई जिलों से खबर मिल रही थी कि सरकारी कार्यालयों में बाहरी व्यक्ति/प्राइवेट/गैर सरकारी व्यक्तियों के द्वारा वसूली की जा रही थी. प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरुप्रसाद ने साफ कहा है कि दफ्तरों में किसी भी कीमत पर बाहरी लोगों से काम ना लिया जाए.
प्रमुख सचिव राजस्व ने 20 अगस्त को लिखित आदेश जारी किया था. आदेश में प्रदेश के सभी मंडल आयुक्त और जिलाधिकारियों से कहा गया है कि मंडल, कलेक्ट्रेट, तहसील कार्यालयों में बाहरी व्यक्तियों से किसी भी दशा में कार्य न कराया जाए. ऐसी शिकायतों के संज्ञान में आने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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आदेश में कहा गया है कि शासन के संज्ञान में आया है कि निर्देशों के बावजूद कुछ सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों-अधिकारियों द्वारा निजी व्यक्तियों से कार्य लिया जा रहा है. जो क्षमा योग्य नहीं है. प्रमुख सचिव ने राजस्व परिषद के आदेश दिनांक 29 अगस्त 2023 और 26 जुलाई 2024 का हवाला देते हुए कहा है कि बार-बार आदेश जारी किए जा रहे हैं, लिहाजा अब यदि कहीं सरकारी दफ्तर में कोई बाहरी व्यक्ति सरकारी कार्य करता पाया जाता है, तो कठोरतम कार्रवाई होगी.
छापा पड़ने पर खुली थी पोल
बता दें कि पहले भी छापा पड़ने पर सहारनपुर कमिश्नर द्वारा बाहरी लोगों से काम करवाने पर आदेश की पोल खुल गई थी. जिसमें कई दफ्तरों में बाहरी लोग काम करते पकड़े गए थे. इन पर गाज गिरने के बाद प्रदेशभर में ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई थी. पिछले दिनों रामपुर में भी कमिश्नर मुरादाबाद की टीम ने बीएसए ऑफिस और एआरटीओ में छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान बीएसए ऑफिस से एक कर्मचारी फरार हो गया था. वहीं, एआरटीओ से एक बाहरी व्यक्ति को दबोचा गया था. साथ ही वसूली की रकम भी बरामद हुई थी.
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