विक्रम मिश्र,लखनऊ। उच्च शिक्षा विभाग ने 3 दिसंबर को मुरादाबाद में जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के पहले कुलपति के तौर पर नेताजी सुभाष प्रौद्यौगिकी विश्वविधयालय के प्रोफेसर सचिन माहेश्वरी की नियुक्ति की है। हालांकि आरोप लग रहे है कि उच्च शिक्षा विभाग ने प्रो सचिन की प्रोफेसर शिप और बिजलेंस जांच पूरी हुए बिना ही उन्हें कुलपति बना दिया गया है।
READ MORE : आशिकी का चढ़ा ऐसा भूत ! प्रेमी से कराई पति की हत्या, कॉल डिटेल ने खोली पोल
प्रदेश के हर मंडल में एक विश्वविद्यालय का लक्ष्य पूरा करते हुए 3 नए राज्य विश्वविद्यालय बनाये जा रहे है। इसी के तहत उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा इन विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति की जा रही है। आपको बता दे कि नेताजी सुभाष विश्विद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर सचिन माहेश्वरी पर लगे आरोपो की जांच सेवानिवृत जज और प्रमुख सचिव विधि शशिकांत पांडेय से करवाई थी। जिसमे प्राथमिक जांच में ही उन्होंने प्रो सचिन को अनियमित बताया था।
READ MORE : इंस्टाग्राम रील बना काल ! पति ने उतारा पत्नी को मौत के घाट, जानें पूरा मामला
जांच में बताया गया कि 1998 में एडहॉक के पद पर भी इनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई जबकि सचिन ने पीएचडी की थीसिस 30 जुलाई 1998 को जमा किया है। लिहाजा नियुक्ति के समय इनको शिक्षण का पर्याप्त अनुभव नहीं था। उनकी नियुक्ति के लिए बिना तारीख का आवेदन दिया गया। जिस पर विभागाध्यक्ष और निदेशक ने 10 अगस्त 1998 को अनुमोदन दिया है। जबकि लल्लूराम डॉटकॉम को मिली जानकारी के अनुसार प्रो सचिन के खिलाफ कंप्यूटर खरीद जांच भी अभी लंबित है।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें