रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. जिला अस्पताल में प्रशासन की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है, जिसने अस्पताल की संवेदनशीलता और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. भदोखर थाना क्षेत्र के मुलिहामऊ गांव निवासी शमशेर की मधुमक्खियों के हमले के कारण मृत्यु हो गई. शमशेर को गंभीर हालत में जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद परिजनों को शव ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध कराने में अस्पताल प्रशासन ने पैसे की डिमांड की.
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परिजनों का आरोप है कि शव को इमरजेंसी वार्ड के बाहर खुले में रखकर उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि शव वाहन खराब होने के कारण उपलब्ध नहीं हो सका. इस दौरान परिजनों ने रोते हुए अपनी पीड़ा बयां की. उन्होंने बताया कि अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने शव को ले जाने के लिए 500 रुपये की मांग की. जब परिजनों ने रुपये देने से इंकार किया तो कर्मचारियों ने कथित तौर पर शव को जबरन मर्चुरी में रखने का दबाव बनाया.
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परिजनों का कहना है कि ऐसी दुखद स्थिति में भी अस्पताल कर्मियों का रवैया संवेदनहीन था. शमशेर के परिवार ने इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश जताया और प्रशासन से इसकी जांच की मांग की है. यह मामला जिला अस्पताल की अव्यवस्था और संसाधनों की कमी को दर्शाता है. शव वाहन जैसी बुनियादी सुविधा का अभाव और कर्मचारियों द्वारा पैसे की मांग से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे हैं.
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