रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. जिले के सलोन कोतवाली में 23 अप्रैल की एक घटना सामने आई है, जहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता के साथ भारतीय जनता पार्टी के विधायक अशोक कोरी पर कथित तौर पर मारपीट करने का आरोप लगा है. इस घटना से सपा कार्यकर्ताओं में रोष है, जिसे लेकर सपा ने योगी आदित्यनाथ सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

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जानकारी के अनुसार, सलोन कोतवाली पुलिस ने एक शिकायती पत्र के आधार पर सपा कार्यकर्ता अविनाश यादव को 23 अप्रैल को थाने बुलाया था. बताया जा रहा है कि अविनाश यादव ने फेसबुक पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर एक पोस्ट की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. थाने में पूछताछ के दौरान अचानक भाजपा विधायक अशोक कोरी वहां पहुंचे और कथित तौर पर अविनाश यादव के साथ मारपीट शुरू कर दी. पीड़ित कार्यकर्ता का आरोप है कि विधायक ने पुलिस की मौजूदगी में उन्हें पीटा, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति प्रभावित हुई.

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घटना के बाद समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह यादव ने तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर रायबरेली के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की. उन्होंने एसपी को पूरे मामले की जानकारी दी और इसे कानून व्यवस्था की विफलता करार दिया. वीरेंद्र सिंह यादव ने कहा, “पुलिस किसी व्यक्ति को शिकायती पत्र के आधार पर थाने बुलाती है, लेकिन वहां सत्ताधारी दल के विधायक द्वारा मारपीट करना कहां का न्याय है? यह घटना गंभीर और सोचनीय है.”

योगी सरकार पर सपा का हमला

जिला अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री ऐसी कानून व्यवस्था चाहते हैं, जहां विधायक थाने में जाकर किसी व्यक्ति के साथ बिना कारण मारपीट करें. उन्होंने कहा, “क्या योगी आदित्यनाथ ने अपने विधायकों को इतनी छूट दे रखी है कि वे थाने में जाकर गुंडागर्दी करें? यदि कोई प्रकरण है, तो पुलिस को वैधानिक कार्रवाई करनी चाहिए, न कि सत्ताधारी नेताओं को कानून हाथ में लेने की इजाजत दी जानी चाहिए.”

सपा ने की कठोर कार्रवाई की मांग

वीरेंद्र सिंह यादव ने पुलिस अधीक्षक से इस मामले में तत्काल जांच और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो समाजवादी पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी. सपा कार्यकर्ताओं में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है. विधायक अशोक कोरी ने पूरे मामले को निराधार बताया. उन्होंने कहा, मैं एक जिम्मेदार और पढ़ा-लिखा जनप्रतिनिधि हूं, और इस तरह की हरकतों से मेरा कोई लेना-देना नहीं है.