रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. जिले में एक गरीब किसान की दो भैंस गुम होने का मामला सुर्खियों में है. चर्चा का कारण न तो भैंस का मिलना है और न ही कोई त्वरित पुलिस कार्रवाई. बल्कि, पुलिस का वह रवैया है. जो समाजवादी पार्टी शासन के दौरान की एक पुरानी घटना की याद दिला रहा है. उस समय एक सपा मंत्री की भैंस गुम होने पर पुलिस ने दिन-रात एक कर उसे ढूंढ निकाला था. लेकिन, अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार में एक साधारण किसान की भैंस गुम होने पर पुलिस फोटो मांग रही है.

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बता दें कि जिले के डीह थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव के रहने वाले किसान सुंदरलाल ने बताया कि उनकी दो भैंस, जो उनकी आजीविका का मुख्य साधन थीं. बीते हफ्ते अचानक गायब हो गईं. भैंसों को रोजाना की तरह खेत में चराने ले गए थे, लेकिन शाम को जब वह उन्हें वापस लाने गए, तो दोनों भैंस वहां नहीं थीं. आसपास के खेतों और गांव में काफी खोजबीन करने के बाद भी जब भैंसों का कोई पता नहीं चला तो स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया.

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किसान सुंदरलाल जब थाने पहुंचे और भैंस के गुम होने की जानकारी दी तो पुलिस ने उनकी शिकायत सुनने के बाद उनसे भैंसों की फोटो मांग ली. किसान सुंदरलाल ने बताया, मैंने थानेदार साहब से कहा कि मेरी भैंस गुम हो गई हैं, कृपया FIR दर्ज कर मदद करें. लेकिन, उन्होंने कहा, ‘पहले भैंस की फोटो लाओ, फिर देखेंगे.’ मैं गरीब किसान हूं, मेरे पास तो मोबाइल में अपनी फोटो भी नहीं है, भैंस की फोटो कहां से लाऊं?”