रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर रायबरेली के सारस चौराहे पर हुए हमले ने सियासी और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है. बुधवार को मिलएरिया थाना क्षेत्र में स्वागत के दौरान दो युवक शिवम यादव और रोहित द्विवेदी ने माला पहनाने की आड़ में मौर्य पर हमला किया. इस घटना में एक युवक ने मौर्य के सिर पर थप्पड़ मारने की कोशिश की, जिसके बाद उनके समर्थकों ने दोनों हमलावरों की जमकर पिटाई की और लहूलुहान कर दिया. पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया. अब दोनों को पीटने को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

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बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमले की घटना को लेकर समाज दो धड़ों में बंट गया है. कुछ लोग इस हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं, इसे लोकतंत्र और सामाजिक न्याय पर हमला करार दे रहे हैं. एक ट्वीट में यूजर संदीप ने लिखा, “लोकतंत्र में विचारों से असहमति का समाधान बहस और संवाद है, हिंसा नहीं. यह कृत्य न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा पर हमला है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी चोट है.” वहीं दूसरे यूजर ने इसे “सामाजिक न्याय और बहुजन स्वाभिमान की आवाज़ पर हमला” बताया, जबकि एक यूजर ने सरकार से कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की.

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ब्राह्मणों के खिलाफ बार-बार बयानबाजी

वहीं कुछ लोग हमलावरों की सराहना कर रहे हैं. इसे मौर्य के सनातन धर्म विरोधी बयानों का जवाब मानते हुए हमलावर रोहित द्विवेदी ने पुलिस हिरासत में दावा किया कि मौर्य के सनातन धर्म और ब्राह्मणों के खिलाफ बार-बार दिए गए बयानों के कारण उन्होंने यह कदम उठाया. सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इसे “मनुवादी विचारधारा की जीत” करार दिया. एक ट्वीट मे कहा गया कि “हमलावर कर्णी सेना का है और दलितों के प्रति घृणा से भरा हुआ. मौर्य के समर्थकों ने उसकी पिटाई की, हालांकि हिंसा उचित नहीं है.”

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‘योगी सरकार गूंगी, बहरी और अंधी’

स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस घटना के लिए योगी सरकार और कर्णी सेना को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “करणी सेना के गुंडे कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. योगी सरकार गूंगी, बहरी और अंधी बनकर तमाशा देख रही है. यह जंगलराज और गुंडाराज का प्रमाण है.” मौर्य ने इसे सियासी साजिश करार देते हुए कहा कि उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश नाकाम रहेगी.

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फेंका जा चुका है जूता

स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी अपने बयानों के कारण विवादों में रहे हैं. 2023 में भगवान श्रीराम के खिलाफ उनकी कथित अमर्यादित टिप्पणी पर हिंदू युवा वाहिनी ने उनके खिलाफ तहरीर दी थी. 2022 में लखनऊ में उन पर जूता फेंकने की घटना भी सामने आई थी. उनकी विवादित छवि को इस हमले से जोड़कर देखा जा रहा है. यह घटना उत्तर प्रदेश की सियासत में चर्चा का विषय बनी हुई है.