रायबरेली. दिशा की बैठक के बाद मंत्री दिनेश प्रताप के बेटे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से हाथ मिलाकर मुलाकात की थी. अब फोटो को लेकर सियासी गलियारों में खूब चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया में मंत्री दिनेश प्रताप को ट्रोल भी किया जा रहा है. ऐसे में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की सफाई सामने आई है. उन्होंने कहा, कल सम्पन्न हुई रायबरेली दिशा की बैठक के बाद राहुल गांधी ने मा. विधायक और ब्लॉक प्रमुख जो दिशा की बैठक में उपस्थित थे. सभी विधायकों और लगभग सभी ब्लॉक प्रमुखों से हाथ मिलाया, जिसमें से सिर्फ मेरे बेटे जो ब्लॉक प्रमुख के रूप में बैठक में शामिल था. हाथ मिलाने वाली फोटो कांग्रेस के भाड़े मीडिया वर्करों ने खूब वायरल करके हमें ट्रोल कराने का प्रयास किया, जबकि हाथ सबसे मिलाया राहुल गांधी जी ने और यह अच्छी पहल थी, वैसे सम्भव है मेरे बेटे को राहुल गांधी पहचानते न हो, लेकिन मेरे कुछ आलोचक मेरे बेटे से हाथ मिलाने वाली फोटो को इसलिए वायरल कर रहे कि जनता नाराज हो जाए, पार्टी नेतृत्व और सरकार नाराज हो जाए.

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आगे मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, किराए के कांग्रेस भाइयों और अपने आलोचकों से मैं कहना चाहता हूं, तुम्हारे ऊपर या तो कांग्रेस की मजदूरी हावी है या पाश्चात्य संस्कृति. हमें दुःख हुआ, जब मेरे बेटे की ओर राहुल गांधी हाथ मिलाने गए तो मेरे बेटे को हाथ नहीं मिलाना चाहिए था, बल्कि उनके पैर छूकर प्रणाम करना चाहिए था. इससे न भाजपा न रायबरेली के भारतीय संस्कृति के पोषक लोग अथवा हमारा नेतृत्व नाराज नहीं, बल्कि खुश होते इन संस्कारों को देखकर कि मेरे बेटे के पिता की उम्र के राहुल गांधी है तो उनका सम्मान उसी स्तर का होना चाहिए. अब राहुल गांधी-कांग्रेसियों की परवरिश में खून का अंतर है, जो पीएम मोदी की मां और अपनी मां में अंतर समझते हैं, यह उनका काम है वो जाने.

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आगे उन्होंने कहा, वैसे राहुल गांधी जी ने हमसे हाथ नहीं मिलाया, जबकि उनके आने पर मैं खड़ा हुआ और अभिवादन भी किया, लेकिन मुझे खुशी है कि दिनेश सिंह कांग्रेस और राहुल गांधी की छाती पर चढ़कर अपनी पार्टी और अपनी सरकारों का झण्डा हमेशा ऊंचा रखते हैं. मेरे रहते मेरे मतदाताओं, शुभचिंतकों का झंडा कभी झुकने नहीं पाता. मैं चुनाव हार गया हूं, हौसला नहीं. वैसे अब यह विषय बहुत हो गया हाथ जोड़कर सबसे प्रार्थना है, इसे खत्म करके अपनी-अपनी दिशा में आगे बढ़ें.