रायबरेली. मंत्री ब्रजेश पाठक लाख दावे करते हैं कि यूपी का स्वास्थ्य विभाग लोगों को बहुत बढ़िया सेवा दे रहा है. लेकिन मंत्री जी शायद आप जमीनी हकीकत भांपना भूल गए, अगर ऐसा आपने किया होता तो शायद आपके नाक के नीचे आपका सिस्टम दावों पर पलीता न लगा रहा होता. हवा-हवाई दावों को छोड़कर विभाग के रिपोर्ट कार्ड को पलटने की जरूरत है. क्योंकि यूपी का स्वास्थ्य विभाग बीमार पड़ चुका है. जिसे इलाज की सख्त जरूरत है. ऐसा इसलिए, क्योंकि जिला अस्पताल में काली कमाई का खेल चल रहा है. मरीजों को जिला अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल में रेफर किया जा रहा है. हाल ही में एक वीडियो भी वायरल हुआ था.
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बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने जिला अस्पताल के जिम्मेदारों को सख्त निर्देश दिया है कि मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में रेफर नहीं करना है. उसके बावजूद डॉक्टर धड़ल्ले से मरीजों को रेफर कर रहे हैं. हाल ही एक वीडियो सामने आय़ा था, जिसमें एक मरीज को प्राइवेट अस्पताल में रेफर किया गया था. इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है. लोगों का कहना है कि इस पूरे खेल में एक गिरोह काम कर रहा है, जो लोगों को इलाज के नाम पर लूट रहा है.
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इतना ही नहीं लोग तो अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदारों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं. हालांकि, सवाल उठना भी लाजमी है. आखिर सरकारी अस्पताल में सारी सुविधाएं होने के बाद भी क्यों रेफर किया जा रहा है. इस पूरे खेल में डॉक्टर भी शामिल हैं क्या? साथ ही मरीजों को रेफर करने में किसको कितना कमीशन बंधा है? अगर ये खेल चल रहा है तो जिम्मेदार कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या वे भी इस पूरे खेल में शामिल हैं?
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी रायबरेली नवीन चंद्र पहले ही बाहर से दवा लिखने और मरीजों को निजी अस्पताल में भेजने पर रोक लगा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद मरीजों को ले जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं और प्रशासनिक सख्ती पर सवाल खड़े कर रहा है. स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि अस्पताल में पारदर्शिता बनी रहे और मरीजों को सही उपचार मिल सके.
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