रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में दलित युवक की गोली मारकर हत्या मामले में सियासत जारी है। राजनीति का आलम यह हो गया है कि रायबरेली जिले में दलित बनाम सामान्य की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए रायबरेली का जिला प्रशासन प्रदर्शन कार्यों के आगे नतमस्तक नजर आ रहा है।
दरअसल, 11 अगस्त को नसीराबाद थाना क्षेत्र के पिछवरिया गांव में दलित युवक अर्जुन पासी की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन मुख्य आरोपी विशाल सिंह की गिरफ्तारी न होने पर ग्रामीणों में आक्रोश है।
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दलित और राजनीतिक संगठनों ने दिया बढ़ावा
दलित समाज के संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक संगठनों ने भी मामले को बढ़ावा दिया। जिसमें समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के राजनेता सामने नजर आए। वहीं इस पूरे मामले की अगुवाई कर रहे हैं भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन लगातार जारी है।
बचाव में उतरी करणी सेना
दूसरी तरफ विशाल सिंह निर्दोष है निर्दोष है कि नारे लगाते हुए करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने करणी सेना प्रमुख वीर प्रताप सिंह की अगवाई में पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया। जय भवानी जय भवानी और जय श्री राम के नारों से रायबरेली का कलेक्ट्रेट परिसर गूंजता रहा।
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प्रशासन से की ये मांग
करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक रायबरेली से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने कहा कि जिस तरह से विशाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर दलित संगठन प्रशासन पर दबाव डाल रहा है, वह गलत है। इस मामले में जिला प्रशासन निष्पक्ष जांच करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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