रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ हुई कथित मारपीट और थप्पड़ कांड ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इस मामले ने न केवल सियासी चर्चाओं को हवा दी है, बल्कि कई सवालों को भी जन्म दिया है. घटना के केंद्र में हैं शिवम यादव और रोहित द्विवेदी, जिन पर स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों द्वारा मारपीट का आरोप लगाया गया है. इस मामले में शिवम यादव के पिता ने सनसनीखेज खुलासा किया है, जिसने इस विवाद को और रहस्यमयी बना दिया है.
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किसने और क्यों दर्ज करवाई FIR?
शिवम यादव के पिता ने कहा, मेरे बेटे ने गलत किया और उसे इसका परिणाम भुगतना पड़ा. हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि मारपीट के बाद उनके परिवार ने थाने में कोई लिखित शिकायत (तहरीर) नहीं दी, फिर भी उनके नाम से एक तहरीर थाने में दर्ज कर दी गई. उन्होंने इसे पूरी तरह गलत करार देते हुए सवाल उठाया कि आखिर यह तहरीर किसने और क्यों दर्ज करवाई. इसके साथ ही, उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य की तारीफ करते हुए कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य बहुत बड़े नेता हैं, हम तो उनके चरणों की धूल भी नहीं हैं. हम उन्हें बार-बार प्रणाम करते हैं. इस बयान ने मामले को नया सियासी रंग दे दिया है, क्योंकि यह सवाल उठता है कि क्या यह बयान दबाव में दिया गया या इसमें कोई गहरी साजिश छिपी है.
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युवाओं को मोहरा बनाया गया?
घटना के दौरान एक वीडियो में एक युवक ने पुलिस जीप में बयान दिया था कि हमलावर करणी सेना से जुड़े हैं. हालांकि, करणी सेना ने तुरंत इस दावे का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि न तो शिवम यादव और न ही रोहित द्विवेदी उनके संगठन के सदस्य हैं. सवाल उठ रहे हैं कि अगर युवक करणी सेना के नहीं थे, तो फिर उनके द्वारा संगठन का नाम लेने के पीछे मंशा क्या थी? क्या यह किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा था, जिसमें युवाओं को मोहरा बनाया गया?
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थप्पड़ कांड का मास्टरमाइंड कौन ?
इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. आखिर इस थप्पड़ कांड का मास्टरमाइंड कौन है? क्या यह केवल एक आवेश में की गई घटना थी, या इसके पीछे कोई सुनियोजित साजिश थी? युवाओं को मोहरा बनाने के पीछे क्या उद्देश्य था, और क्या यह सियासी रंजिश का हिस्सा था?
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इस घटना ने रायबरेली ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं, जबकि विपक्षी दल इसे सियासी नाटक करार दे रहे हैं. जांच के नतीजे और नए खुलासे इस मामले को और स्पष्ट कर सकते हैं.
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