रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के दौरे के दौरान बुधवार को तीव्र विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. उत्तर प्रदेश सरकार में उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने हरचंदपुर थाना क्षेत्र के बटोही होटल के पास हाईवे पर धरना देकर राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शन का मुख्य कारण राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के बारे में कथित तौर पर अपशब्द कहने का मामला बताया गया. प्रदर्शनकारियों ने “राहुल गांधी वापस जाओ” और “राहुल गांधी माफी मांगो” जैसे नारे लगाए, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिनेश प्रताप सिंह और उनके समर्थकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ.
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दिनेश प्रताप सिंह, जो पहले कांग्रेस के सदस्य रहे और 2018 में भाजपा में शामिल हुए, ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ और 2024 में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों बार हार का सामना करना पड़ा. उनकी अगुवाई में यह विरोध प्रदर्शन रायबरेली में गांधी परिवार और कांग्रेस के खिलाफ भाजपा की आक्रामक रणनीति को दर्शाता है. दिनेश प्रताप सिंह ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री की मां के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करके भारतीय संस्कृति और मूल्यों का अपमान किया है. उन्होंने मांग की कि राहुल गांधी को इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
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यह घटना रायबरेली में हाल के महीनों में हुए कई विरोध प्रदर्शनों की कड़ी में एक और अध्याय जोड़ती है. रायबरेली, जो लंबे समय से गांधी परिवार का गढ़ रहा है, अब भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी राजनीतिक जंग का केंद्र बनता जा रहा है. इस प्रदर्शन ने स्थानीय राजनीतिक गतिशीलता को और उजागर किया, जिसमें भाजपा क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है. पुलिस ने हाइवे पर यातायात को सुचारू करने के लिए त्वरित कार्रवाई की, लेकिन यह घटना रायबरेली में राजनीतिक तनाव को और बढ़ाने वाली साबित हुई.
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