रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. जिले के हलोर कस्बे में नाथगंज के समीप सरकारी शराब के ठेके के पास 2 दिन पहले एक चाट दुकानदार के साथ हुई मारपीट और गर्म तेल डालने की घटना ने क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है. इस घटना के बाद शनिवार को दर्जनों महिलाओं और ग्रामीणों ने तहसील पहुंचकर उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने शराब ठेका हटाने की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी और प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का कहना है कि ठेके की मौजूदगी के कारण गांव में अराजकता का माहौल बना हुआ है, जिससे आए दिन विवाद और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं.
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बता दें कि 2 दिन पहले हलोर कस्बे के नाथगंज में सरकारी शराब ठेके के पास ठेलिया पर चाट बेचने वाले एक दुकानदार के साथ गांव के कुछ लोगों ने पहले विवाद किया और फिर उस पर हमला कर दिया. हमलावरों ने दुकानदार के साथ मारपीट की और उसके ऊपर गर्म तेल उड़ेल दिया, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गया. घायल दुकानदार को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया, क्योंकि उनका मानना है कि शराब ठेके की वजह से क्षेत्र में शराबियों का जमावड़ा रहता है, जो इस तरह की हिंसक घटनाओं को बढ़ावा देता है.
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शनिवार को घटना से आक्रोशित दर्जनों महिलाएं और ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुंचे और उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने शराब ठेका हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की. ग्रामीणों का कहना है कि शराब ठेका गांव के पास होने के कारण नशे में धुत लोग आए दिन उत्पात मचाते हैं, जिससे महिलाओं और बच्चों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है. प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने कहा, “ठेके की वजह से हमारे गांव का माहौल खराब हो गया है. शराबी रोजाना गाली-गलौज और मारपीट करते हैं. हमारी मांग है कि इस ठेके को तुरंत हटाया जाए.”
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ग्रामीणों ने बताया कि शराब ठेके के आसपास शराबियों का जमावड़ा रहता है, जो न केवल अराजकता फैलाते हैं, बल्कि क्षेत्र में छेड़छाड़ और अन्य अपराधों को भी बढ़ावा देते हैं. कई लोगों ने शिकायत की कि ठेके के कारण बच्चों और महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. कुछ ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
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प्रदर्शन के दौरान उपजिलाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. पुलिस ने मारपीट और गर्म तेल डालने की घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जिला प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थिति पर नजर रखने की बात कही है.
पहले भी हो चुके हैं विरोध
रायबरेली में रिहायशी इलाकों, धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों के पास शराब ठेके खोलने के खिलाफ पहले भी कई बार विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं. वर्ष 2017 में भी रायबरेली के कई गांवों में महिलाओं ने शराब ठेकों के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया था, जिसमें ठेके हटाने की मांग की गई थी. हाल की घटना ने एक बार फिर इस मुद्दे को गंभीर बना दिया है.
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ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शराब ठेका जल्द से जल्द नहीं हटाया गया तो वे और बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि प्रशासन न केवल ठेके को हटाए, बल्कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस नीति बनाए. साथ ही घायल दुकानदार को न्याय और उचित मुआवजा देने की भी मांग की गई है.
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