रवींद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. लोकसभा चुनाव के परिणाम आए हुए तीन महीनों से ज्यादा का समय हो गया है. लेकिन अभी तक रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने रायबरेली में अपना प्रतिनिधि नियुक्ति नहीं किया है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी देश के सबसे व्यस्ततम नेताओं में से एक हैं और उन्हें पूरे देश का भ्रमण भी करना पड़ता है ऐसे में उनके लिए अपने लोकसभा क्षेत्र में अधिकांश समय दे पाना सम्भव नहीं है और जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए किसी ना किसी को सांसद प्रतिनिधि नियुक्त करना ही पड़ेगा. लेकिन राहुल गांधी के सांसद बनने के तीन महीने बाद अभी तक कोई प्रतिनिधि तय नहीं किया गया है.

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राहुल गांधी से पहले लगभग पिछले बीस वर्षो तक रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी रही हैं और उनके प्रतिनिधि के रूप किशोरी लाल शर्मा ने काम किया था. लेकिन अब किशोरी लाल शर्मा खुद अमेठी से सांसद हैं इसलिए उनका किसी अन्य सांसद के लिए प्रतिनिधि के रूप में काम करना ना व्यावहारिक है और ना ही संवैधानिक, इसलिए रायबरेली की जनता को नया सांसद मिलने के बाद अब नया सांसद प्रतिनिधि मिलने की भी उम्मीद है.

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जिस तरह लोकसभा चुनाव के पहले से राहुल गांधी लगातार दलित और पिछड़ों को संख्या के अनुरूप हिस्सेदारी दिलाने के लिए जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं, उसे देखते हुए यह कयास लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी रायबरेली में अपने प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी दलित या पिछड़े वर्ग के किसी व्यक्ति को दे सकते हैं, राहुल गांधी को रायबरेली से मिली भारी मतों की जीत के आंकड़े बताते हैं कि बिना दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक मतदाताओं के एक तरफ़ा मतदान से राहुल गांधी की जीत का अन्तर इतना ज्यादा हो ही नहीं सकता था. इसके बाद दलित और पिछड़ो के बीच यह चर्चा तेज हुई कि शायद राहुल गाँधी का प्रतिनिधि कोई उनके वर्ग से होगा.

ये चर्चा केवल जिले के दलित व पिछड़ों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इस बात की चर्चा प्रदेश स्तर पर तेजी से हुई और इसी के फलस्वरूप बीजेपी ने राहुल गांधी की दलित और पिछड़ों की राजनीति के काउंटर में जिले की प्रभारी मंत्री प्रतिभा शुक्ला को हटाकर कुर्मी बिरादरी के राकेश सचान को रायबरेली जिले का प्रभारी मंत्री बना दिया है. अब ये तो आने वाले समय में पता चलेगा कि राहुल गांधी किसे अपना प्रतिनिधि बनाते हैं. लेकिन बीजेपी ने राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में सवर्ण बिरादरी की प्रभारी मंत्री को हटाकर पिछड़ी जाति के मंत्री को प्रभारी बना कर पिछड़ों में मजबूत पकड़ बनाने का प्रयास किया है, बीजेपी ने पहले ही दलित वर्ग का जिलाध्यक्ष बना रखा है अब प्रभारी मंत्री ओबीसी वर्ग से दे कर राहुल गांधी के दलित और पिछड़ो के हितैषी बनने की बात को खोखला साबित करने की कोशिश की है.