कौशाम्बी। रामबाबू तिवारी हत्याकांड से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। पिता की आत्महत्या के बाद बेटा बेगुनाह साबित हो गया है। मृतक रामबाबू का बेटा रेप केस में जेल में बंद था। विवेचना में उस पर लगे रेप और पॉक्सो की धारा हट गई है। पीड़िता ने मां के दबाव में आरोप लगाने की बात कबूली है। जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी धन्नू तिवारी को रिहा करने का आदेश दिया है।

सिद्धार्थ तिवारी पर लगा था दुष्कर्म का आरोप

यह पूरा मामला जिले के सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है। जहां, सिद्धार्थ तिवारी उर्फ धन्नू पर आठ वर्षीय मासूम बच्ची के साथ बहला फुसलाकर आप्रकृतिक यौन कृत्य करने का आरोप लगाया गया था। मासूम बच्ची के पिता की तहरीर पर पुलिस ने सिद्धार्थ तिवारी के खिलाफ एक्शन लिया और पॉक्सो एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया।

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रामबाबू ने कहा था- मेरे बेटे को फंसाया

आरोपी के पिता रामबाबू तिवारी ने इस पूरे मामले को फर्जी बताया और कहा कि जमीनी विवाद को लेकर ग्राम प्रधान भूप नारायण पाल ने उनके बेटे को फंसाने काम किया है। रामबाबू ने प्रधान और उसके भाईयों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। उसने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था। बुधवार 4 जून को वह जहरीला पदार्थ खाकर थाने पहुंचा और उसने अपने पेट में आत्महत्या करने का कारण लिखा था। उसके जेब से सुसाइट नोट भी मिला था।

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थाने में ही रामबाबू तिवारी की हालत बिगड़ गई। उसे आनन फानन में अस्पताल भेजा गया। जहां पर इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम करने के बाद पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया। परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय नेशनल हाईवे 2 में रखकर चक्का जाम कर दिया।