रामपुर. बीते 23 सितंबर को अंजाम खान सीतापुर जेल से रिहा हुए, लेकिन उनकी रिहाई के बाद से रामपुर में रहने वाले अबरार, एहतेशाम और मुस्लिम महिला मेहरूनिशा समेत 100 परिवार अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं. लोगों में खौफ का माहौल देखने को मिल रहा है, जिसके पीछे की वजह हैं आजम खान!

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बता दें कि आजम खान की महत्वकांक्षी योजना जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य में इन सभी लोगों का आशियाना छिन गया था. अबरार बताते हैं कि उनकी 2 बीघा जमीन जौहर विश्वविद्यालय की कैंपस में चली गई, जबकि उसका कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया. इसके अलावा उनको आजम खान के लोग हर महीने डराते और धमकाते हैं. उनके मकान को नगर पालिका की जमीन बताते हुए ध्वस्त कर दिया गया, जबकि अबरार पर कई बार हमला भी किया गया.

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मेहरूनिशा बताती है कि जिस मकान में वो रहती थीं. उसकी रजिस्ट्री और सारे पेपर्स के साथ बिजली का बिल और पानी का बिल भी था, लेकिन जब आज़म खान मंत्री बनें तो उन्होंने डूंगर बस्ती को कूड़े निस्तारण के लिए आरक्षित बताते हुए कब्ज़ा कर लिया. जबकि, उनके पति पर जानलेवा हमला भी कराया गया. इसके खिलाफ जब थाने में शिकायत करने गए मेहरूनिशा के साथ छेड़छाड़ और धमकी दी गई. अब ऐसे तकरीबन 100 परिवार हैं, जिनको आजम की रिहाई के बाद से भय लगा हुआ है. अबरार ने अपनी 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी को अब स्कूल भेजना भी बंद करवा दिया है.