लखनऊ. जो आवंटी प्लॉट, मकान और फ्लैट की किस्त लगातार दो वर्ष तक नहीं जमा करेंगे, उनकी रजिस्ट्री नहीं होगी. उनकी फाइल पर सभी तरह की कार्यवाही रोक दी जाएगी और फाइल मृत मान ली जाएगी. इसे दोबारा शुरू करने के लिए सचिव और उपाध्यक्ष की अनुमति जरूरी होगी.

एलडीए में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नित नए बदलाव और आदेश हो रहे हैं. एलडीए सचिव पवन गंगवार ने तीन सितंबर को एक और आदेश जारी किया है. इसमें उन्होंने 30 नवंबर 2011 के एक आदेश का उल्लेख किया है. उन्होंने लिखा है कि अगर कोई आवंटी समय पर किस्त नहीं जमा कर पाता है और किस्तों की अवधि खत्म हो जाती है. फिर भी वह दो वर्ष तक धनराशि जमा नहीं करता है तो पत्रावली पर कोई कार्यवाही नहीं होगी. संपत्तियों की रजिस्ट्री और अन्य काम रोक दिए जाएंगे. ऐसी संपत्तियों के सापेक्ष कार्यवाही सक्षम अधिकारी की अनुमति के बाद हो सकेगी.

उन्होंने प्राधिकरण के सभी संपत्ति अधिकारियों को आदेश की प्रति भेजी है. इस पर तत्काल अमल का निर्देश दिया है, जिन संपत्ति अधिकारियों ने पूर्व में एलडीए उपाध्यक्ष को फाइलें भेजी थीं, उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.