मथुरा। धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुर ने बकरी ईद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के बारे में बिना जाने आरोप लगाना गलत है। हमारे यहां बलि का विधान बहुत अलग है। भगवान के समक्ष फल पर सिंदूर चढ़ाकर बलि दी जाती है। हिंदू धर्म में भगवान भाव का भूखा और मंदिरों में भी जीव को सिंदूर लगाकर छोड़ देने से बलि पूरी होती है।
देवकीनंदन बोले- जीव की बलि न दी जाए
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि घरों में जीव हत्या नहीं होती है। हमारे यहां मंदिरों में बलि का एक निश्चित स्थान है। जहां जीव की बलि न दी जाए, वही है हमारे धर्म की पहचान है। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर पशुबलि से उत्पन्न सामाजिक चिंताओं पर प्रकाश डाला और इस प्रथा को नियंत्रित स्थानों तक सीमित करने का सुझाव दिया।
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धर्मगुरू ने राजा मोरध्वज का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने बेटे को आरा में काटा था लेकिन हमारे भगवान ने उनके पुत्र को पुनर्जीवित कर दिया था। अगर इतिहास जानते हो तो यह भी सीख लो कि भगवान कभी बलि चाहते नहीं। उसके लिए एक पर्टिकुलर स्थान है। हमारे यहां घरों में, सड़को में खून नहीं बहाए जाते है। यदि आपको बलि देनी ही है तो उसका एक पर्टिकुलर स्थान नियुक्त कीजिए।
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