रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश का असर उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में साफ दिखाई दे रहा है। गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण गंगा कटरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ की संभावना को देखते हुए त्वरित कदम उठाए हैं और गंगा कटरी क्षेत्रों के आसपास अस्थाई बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं।

जिला प्रशासन का निरीक्षण और तैयारियां

जिला प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अमृता सिंह ने डलमऊ तहसील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ उपजिलाधिकारी (एसडीएम) और लेखपाल भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने अस्थाई बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि राहत कार्यों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं मौजूद हैं।

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बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन तैयार

जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना और आश्वासन दिया कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। प्रशासन ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है और नावों की व्यवस्था की गई है ताकि जरूरत पड़ने पर प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। बाढ़ शरणालयों की सूची भी तैयार की जा रही है।

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तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग दहशत में

डलमऊ तहसील क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे बसे एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं। गंगा का जलस्तर वर्तमान में चेतावनी बिंदु 98.360 मीटर के करीब 97.700 मीटर पर पहुंच गया है, जिसके कारण तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग दहशत में हैं। खेतों में पानी भरने और फसलों के जलमग्न होने की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से समय रहते कार्रवाई करने की गुहार लगाई है ताकि उनकी आजीविका और संपत्ति को बचाया जा सके।

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बाढ़ चौकियां और राहत कार्य

जिला प्रशासन ने गंगा कटरी क्षेत्रों में अस्थाई बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं, जहां 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इन चौकियों पर नाविकों और मछुआरों की व्यवस्था की गई है ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री के वितरण और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, जिसके कारण स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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गंगा कटरी क्षेत्र में रहने वाले लोग हर साल बाढ़ की विभीषिका से जूझते हैं। कई ग्रामीणों को अपने गांवों से पलायन करना पड़ता है, और उनकी फसलें जलमग्न हो जाती हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि बाढ़ से बचाव के लिए स्थायी समाधान जैसे मजबूत तटबंध और कटाव रोकने के उपाय किए जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते कार्रवाई न हुई तो उनकी आजीविका पर गंभीर असर पड़ेगा।

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रायबरेली के अलावा, बिहार में भी गंगा, कोसी, और गंडक जैसी नदियों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। बिहार के 19 जिलों में 16 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, और तटबंध टूटने की घटनाएं सामने आई हैं। यह स्थिति रायबरेली में भी बाढ़ के खतरे को और गंभीर बनाती है, क्योंकि गंगा नदी का जलस्तर क्षेत्रीय वर्षा और ऊपरी क्षेत्रों से आने वाले पानी पर निर्भर करता है।