संभल। उत्तर प्रदेश के संभल से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां, 46 सालों से बंद पड़े भगवान शिव के मंदिर को डीएम और एसपी ने खुलवाया। इस मंदिर में भगवान हनुमान की भी प्रतिमा मौजूद है। यह मंदिर सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के इलाके में स्थित है।
मंदिर संभल जिले के दीपा सराय के पास है। प्रशासन ने जैसे ही मंदिर खोला, वहां पर लोगों को भीड़ उमड़ पड़ी और सभी ने जय हनुमान के नारे लगाए। सीओ और एसपी ने मंदिर की शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्ति को साफ किया। मंदिर के पास एक प्राचीन कूप होने की जानकारी मिली जिसके बाद नगर पालिका ने खुदाई की तो यहां प्राचीन कूप निकलकर सामने आ गया।
बताया जा रहा है कि 1978 में हुए विवाद के बाद से यह मंदिर बंद था। आज पुलिस प्रशासन की टीम जब अवैध अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ चेकिंग अभियान चला रही थी। तभी अधिकारियों का यह मंदिर दिखा। जिसके बाद अधिकारियों ने लोगों से पूछताछ की फिर मंदिर को खुलवाया।
1978 से बंद था मंदिर
यह भी बताया जा रहा है कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर जहां हिंसा हुई थी, वहां से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर यह शिव मंदिर है. नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी कहते है कि हम खग्गू सराय इलाके में रहते थे। हमारे पास पास में ही (खग्गू सराय इलाके में) एक घर है। 1978 के बाद हमने घर बेच दिया और जगह खाली कर दी। यह भगवान शिव का मंदिर है। हमने यह इलाका छोड़ दिया और हम इस मंदिर की देखभाल नहीं कर पाए। इस जगह पर कोई पुजारी नहीं रहता है। 15-20 परिवार इस इलाके को छोड़ कर चले गए। हमने मंदिर को बंद कर दिया था क्योंकि पुजारी यहां नहीं रह पाते थे। किसी पुजारी ने यहां रहने की हिम्मत नहीं की। यह मंदिर 1978 से बंद था और आज इसे खोल दिया गया है।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह बहुत पुराना मंदिर है। ग्रामीणों ने बताया कि जब हम छोटे थे तब यहां पूजा अर्चना होती थी। सालों से मंदिर में ताला लगा था। जिसके कारण लोगों का आना जाना बंद हो गया। वहीं एक बुजुर्ग ने कहा कि यह हमारे पूर्वजों का मंदिर था। सालों पहले भारी मात्रा में हिंदू परिवार के लोग यहां से चले गए और मंदिर में ताला लग गया।
मंदिर को लेकर जिलाधिकारी ने कही ये बात
जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि बिजली चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए हम यहां आए, तो हमने देखा कि यहां एक मंदिर था, जिस पर अतिक्रमण किया गया था। डीएम ने आगे कहा कि यहां एक कुआं भी है, हम मंदिर को उस समुदाय को सौंप देंगे, जिसका वह है। सफाई का काम चल रहा है जो लोग अतिक्रमण कर रहे है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मंदिर पर मकान बनाकर कर लिया था अतिक्रमण
वहीं एडिशनल SP श्रीश चंद्र ने कहा, “जांच के दौरान पता चला कि कुछ लोगों ने मंदिर पर मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया था। मंदिर को साफ कर दिया गया है और मंदिर पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंदिर में भगवान शिव और भगवान हनुमान की मूर्तियां है। इस इलाके में हिंदू परिवार रहते थे और कुछ कारणों से उन्होंने यह इलाका छोड़ दिया। मंदिर के पास एक प्राचीन कुएं के बारे में भी जानकारी मिली है।
24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा भड़की
गौरतलब है कि शाही जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इसके सर्वे के आदेश दिए। जिसके बाद 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, डीएम डॉ राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भारी पुलिस बल के साथ सुबह करीब साढ़े 7 बजे वहां पहुंचे। एकाएक 9 बजे के करीब अचानक से आक्रोशित लोगों की भीड़ मौके पर पहुंच गई और फिर पुलिस पर पत्थरबाजी शुरु कर दी।
जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इसी दौरान स्थिति बिगड़ गई और हिंसा फैल गई। जिसमें 4 युवकों की मौत हो गई। वहीं एसपी समेत करीब 2 दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। आज जहां हिंसा हुई वहां से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर शिव मंदिर मिला है।
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