मुजफ्फरनगर. पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की सुरक्षा वापस ले ली गई है. रविवार को उन्होंने समर्थकों के साथ मंसूरपुर थाने में जमकर बवाल काटा था और पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जिसके बाद उनकी सुरक्षा हटा दी गई है. अब उनके साथ एस्कॉर्ट भी नहीं चलेगा.

बता दें कि संजीव बालियान पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार ने उनके दिल्ली आवास पर सीआरपीएफ तैनात की गई है. पुलिस के भ्रष्टाचार की शिकायत किए जाने पर सुरक्षा हटाए जाने का मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है.

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दरअसल, यह मामला खानपुर गांव स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर की जमीन से जुड़ा है. ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दिन पहले डिस्टलरी की ओर से दीवार बनाकर जमीन पर कब्जा कर लिया गया है, जिसको लेकर विरोध जताया गया. लेकिन पुलिस ने काम रुकवाने के लिए इंकार कर दिया और कह दिया कि हम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं.

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इसी मामले को लेकर रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान अपने समर्थक के साथ थाने पहुंचे. जहां जमकर हंगामा किया गया. इस दौरान उनका और इंस्पेक्टर उमेश कुमार के बीच तीखी नोकझोंक भी हो गई. पूर्व केंद्रीय मंत्री का कहना था कि भाजपा सरकार में पुलिस मंदिर की जमीन पर कब्जा करने में मदद करेगी ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पुलिस को दोनों पक्षों की सुननी चाहिए.

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खतौली सीओ ने बताया गया कि जमीन को लेकर मामला सिविल कोर्ट में विचाराधीन है. गांव वाले दावा कर रहे हैं कि उनके पूर्वज मंसूरपुर मिल में काम करते थे, इन्होंने नौकरी का पैसा इकट्ठा कर मंदिर के लिए जमीन खरीदी थी. उसी जमीन पर लक्ष्मी नारायण मंदिर बना हुआ है और वहीं दूसरी ओर डिस्टलरी के पास कोर्ट का आदेश है, जिसमें लिखा है उनके कार्य में हस्तक्षेप न किया जाए. डिस्टलरी की ओर से विवादित जमीन पर दीवार बनाई गई है. पुलिस ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कार्य में हस्तक्षेप नहीं किया.