लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव भले ही छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन करने में व्यस्त हैं, लेकिन वह अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को लेकर अभी जल्दबाजी में कोई फैसला करने से बच रहे हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के प्रमुख 66 वर्षीय शिवपाल यादव अभी भी अपने भतीजे की ओर से आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए अपने संबंधों की स्थिति के बारे में सुनने का इंतजार कर रहे हैं.

शिवपाल ने कहा है कि वह अपनी पार्टी पीएसपीएल का समाजवादी पार्टी में विलय करने के लिए भी तैयार हैं, बशर्ते अखिलेश उनके समर्थकों को उचित सम्मान देने का आश्वासन दें. हाल ही में सीतापुर जेल में सपा सांसद मोहम्मद आजम खान से मुलाकात करने वाले शिवपाल ने कहा, “आजम खान और मैं समाजवादी पार्टी की स्थापना के बाद से साथ हैं. हम राजनीतिक आंदोलन और संघर्ष में एक साथ रहे हैं. आज वह उनके खिलाफ दर्ज 102 मामलों के साथ जेल में हैं. उनके खिलाफ सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं. मेरा मानना है कि सभी समाजवादियों को आजम खान के समर्थन में सड़कों पर उतरना चाहिए. मैं बस उन्हें आश्वस्त करने गया था कि हम उनके साथ हैं.”

शिवपाल ने कहा कि उन्होंने आजम खान के साथ राजनीति पर चर्चा की और इस पर उन्होंने कहा है कि सभी समाजवादी एकजुट होकर चुनाव लड़ें. शिवपाल ने कहा कि समय समाप्त हो रहा है और वह सपा अध्यक्ष के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “बातचीत के जरिए सब कुछ सुलझाया जा सकता है. पहले, जब अन्य छोटी पार्टियां एक साथ मिल रही थीं, तो हम गठबंधन के मामले में सपा से कुल 100 सीटों पर विचार कर रहे थे. लेकिन अब चीजें बदल गई हैं. कई छोटे दल पहले ही स्वतंत्र रूप से सपा के साथ हाथ मिला चुके हैं. मैं चाहता हूं कि सपा एक स्वतंत्र सर्वेक्षण करवाए और यह पता लगाए कि मेरा उम्मीदवार किसी विशेष सीट पर जीतने की स्थिति में है या नहीं और फिर टिकट दें. जीत का कारक बाकी सभी चीजों से ऊपर होना चाहिए.”

पीएसपीएल नेता ने कहा कि वह गठबंधन या विलय के लिए तैयार हैं, लेकिन सपा अध्यक्ष की ओर से बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया है. उन्होंने कहा, “घड़ी बीत रही है और मैं किसी निर्णय का अंतहीन इंतजार नहीं कर सकता. सपा प्रमुख को जल्द से जल्द बातचीत शुरू करनी चाहिए.”