प्रयागराज. उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को नेवादा गांव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का जश्न मनाने वाले युवाओं पर हमले के मामले में लापरवाही और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के लिए मामला दर्ज कर निलंबित कर दिया गया है. शनिवार की रात युवक की मौत हो गई. बहरिया थाने में 9 अन्य नामजद आरोपितों के साथ एस-आई अजय यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

भाजपा की जीत का जश्न मना रहे युवकों पर हमले को लेकर उनके साथ ही 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ अनजाने में हत्या, दंगा, मारपीट व अन्य गंभीर धाराओं का मामला दर्ज किया गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), प्रयागराज अजय कुमार ने कहा कि एस-आई को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बहरिया थाने के थाना प्रभारी रवि प्रकाश और कांस्टेबल विकास उपाध्याय और दीन दयाल दुबे को भी लापरवाही बरतने और वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी न देने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.

एसएसपी ने कहा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा लेकिन बेगुनाहों को भी परेशान नहीं किया जाएगा. भाजपा की अनुसूचित जाति शाखा के संभाग अध्यक्ष सुनील सरोज की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. सरोज ने बहरिया थाना के एस-आई संजय यादव और राम आसरे, अमर सिंह, अरुण यादव, वीरेंद्र यादव, मिथिलेश यादव, शंकर लाल, रूप चंद्र, आलोक यादव, अंकुर यादव और 25 अज्ञात लोगों को नामजद किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की और उन पर पथराव किया जब वे 12 मार्च को भाजपा की जीत का जश्न मना रहे थे.

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सरोज ने दावा किया कि भाजपा की जीत का जश्न मनाने वाले युवा अपनी सुरक्षा के लिए वहां से भाग गए, लेकिन हमले में पकड़े गए बाबूराम के 20 वर्षीय बेटे सतीश की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. सरोज ने आरोप लगाया कि एस-आई संजय यादव मौके पर पहुंचे, लेकिन आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उसे और भाजपा कार्यकर्ता प्रवीण पाल को हिरासत में ले लिया. सरोज ने दावा किया कि यादव ने उन्हें पुलिस लॉकअप में भी पीटा, जिसके बाद वे घायल हो गए. पुलिस टीम नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. पुलिस ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.