लखनऊ। मुख्तार अंसारी एंबुलेंस केस की जांच के लिए बाराबंकी के एडिशनल एसपी नॉर्थ की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई है. टीम मामले की छानबीन के लिए रविवार को पंजाब के लिए रवाना हो गई. इधर दूसरी टीम डॉ. अलका राय से पूछताछ कर रही है. माना जा रहा है कि डॉ. राय के जवाब संतोषप्रद नहीं रहे तो उनकी गिरफ्तारी भी कर सकती है.
एंबुलेंस मामले में बाराबंकी आरटीओ ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. डॉ. अलका राय को इस एफआईआर में नामजद किया गया है. यह एंबुलेंस यूपी 41 एटी 7171 डॉ. अलका राय के नाम से रजिस्टर्ड है. जबकि इसमें पता बाराबंकी जिले के रफीकनगर का लिखा हुआ है. इसकी रजिस्ट्रेशन की मियाद साल 2015 में ही खत्म हो चुकी है. इतना ही नहीं एंबुलेंस की फिटनेस भी साल 2017 में एक्सपायर हो चुकी है. इस संबंध में पिछले साल नोटिस भी भेजा गया था, लेकिन किसी तरह का जवाब आरटीओ को नहीं मिला.
मुख्तार के गांव के पास ही है डॉ. राय का गांव
एंबुलेंस को लेकर मचे घमासान के बीच जिस डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, वह मऊ जिले के चांदपुर गांव की रहने वाली हैं. यह चांदपुर गांव मुख्तार अंसारी के गांव यूसुफपुर से महज सात किलोमीटर की दूरी पर है. हालांकि डॉ. अलका राय ने मुख्तार अंसारी से किसी भी प्रकार का संबंध होने से साफ इनकार किया है.
दो घंटे तक चली पूछताछ
पूछताछ करने आए अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने कहा कि साक्ष्य संकलन बाकी है और आगे अधिकारी बताएंगे.
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फंसाया जा रहा है : डॉ. अलका
डॉ. अलका राय ने कहा कि हमसे दो घंटे तक पूछताछ कर गई और कई सारे सवाल किए गए हैं. हमने सभी सवालों का जवाब दिया है. हमें एक वोटर आईडी कार्ड दिखाया गया है, लेकिन वो वोटर आइडीकार्ड हमारा नही है, बल्कि उस पर फोटो हमारा लगा हुआ है, लेकिन हस्ताक्षर हमारा नही है. साथ ही कहा कि हमें फंसाया जा रहा है हम बेकसूर है.