सीतापुर. 23 महीने सजा काटने के बाद आजम खान जेल से रिहा हो गए हैं. आजम खान को जेल से लेने के लिए उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला पहुंचे थे. आजम खान जेल से कार में बैठकर बाहर निकले और अपने समर्थकों को देखकर हाथ हिलाते हुए अभिवादन किया. इस दौरान जेल के पास में आजम खान के समर्थकों की भारी भीड़ देखने को मिली. यही वजह है कि पुलिस ने जेल के पास धारा 144 लागू कर जेल से दूर कर दिया. वहीं आजम खान की रिहाई पर अखिलेश यादव का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, झूठे केस में फंसाया था. आज वे जेल से रिहा हुए, जो सभी के लिए खुशी का दिन है. आने वाले समय में सभी केस खत्म होंगे. भाजपा में बैठे लोगों ने भी कहा है कि आजम खान को मुसलमान होने की सजा मिली.
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बता दें कि आजम खान की रिहाई सुबह 9 बजे ही होने थी, लेकिन रामपुर कोर्ट में चल रहे एक केस का 6 हजार रुपए जुर्माना बकाया था. जिसकी वजह से उनकी जमानत रोक दी गई थी. कोर्ट के खुलते ही जुर्माना राशि को जमा कराया गया. जिसके बाद ईमेल के जरिए सीतापुर जेल को क्लीयरेंस भेजा गया. तब जाकर सपा नेता आजम खान को रिहाई दी गई.
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आजम खान का विवादों से गहरा नाता
आजम खान का विवादों से गहरा नाता रहा है. आजम पर सदन में महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने से लेकर अधिकारियों के साथ गलत व्यवहार करने और चुनाव के दौरान आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगता रहा है. 2019 के चुनाव में चुनाव आयोग ने आजम पर 2 बार प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाया था. हालांकि, चुनाव में आजम को जीत मिली थी. लेकिन 2022 में भड़काऊ भाषण देने के बाद 2 साल साल की सजा हुई थी और आजम की सदस्यता चली गई थी.
साल 2019 में बाद डूंगरपुर प्रकरण में कई अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए. जिसमें लोगों के जबरन मकान खाली कराए गए. उनसे मारपीट की गई उनके मकान को तोड़ दिया गया. इस तरह के कई मुकदमे दर्ज हुए थे, जिसमें आरोप था कि आजम खान के इशारे पर उनके साथ मारपीट की गई. उनके मकान तोड़े गए और जबरन घर खाली किए गए और लूटपाट की गई थी.
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