संतोष देव गिरि, सोनभद्र. जिले में गरीबों के लिए झोलाछाप डॉक्टर काल बनकर लोगों को मौत बांट रहे हैं. बीजापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा पिंडारी के टोला मनरहवा में एक झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने से 8 वर्षीय बालक की मौत हो गई है. बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. वहीं इस घटना के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल ये कि मंत्री ब्रजेश पाठक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे तो करते हैं, लेकिन ये दावे सफेद झूठ साबित हो रहे हैं. अगर स्वास्थ्य व्यवस्था सच में बेहतर होती तो प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टर मौत बांटते न फिरते और मासूम की जान न जाती.
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बता दें कि शुक्रवार सुबह पुलिस को तहरीर देकर कथित झोलाछाप चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है. वहीं प्रभारी निरीक्षक अखिलेश मिश्रा ने बताया कि अभिषेक 8 वर्ष पुत्र अशोक कुमार ग्राम पिंडारी टोला मनरहवा की मौत गांव के एक चिकित्सक के इलाज के बाद हुई है. मृतक के बाबा दया शंकर ने तहरीर देकर घटना की जानकारी पुलिस को दी है. मृतक का पंचनामा कर शव को पीएम के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी.
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मृत बालक के बाबा दया शंकर ने बताया कि गुरुवार की शाम उनका नाती घर के पास पुलिया पर गांव के बच्चों संग खेल रहा था. उसी दौरान उसके पैर में पत्थर से चोट लग गई, जिससे पैर में खून बहने लगा था. जिसे गांव के डाक्टर मधु सरकार के दवाखाना ले जाया गया था. जहां उनके सहायक महेश ने पट्टी मरहम के बाद एक इंजेक्शन लगाया. उसके बाद उनका नाती अचेत हो गया. हालत गंभीर देख झोलाछाप डॉक्टर के हाथपांव फूल गए. जिसके बाद बालक को लेकर परिवार संग बेहोशी की हालात में एनटीपीसी रिहंद के धनवंतरी चिकित्सालय ले गया. जहां चिकित्सकों ने देखते ही बालक को मृत घोषित कर दिया.
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वहीं मामले को लेकर डॉ मधु सरकार ने कहा कि हम तो किराना दुकान चलाते हैं. पहले दवाई किया करते थे, अब हमारा साला महेश दवा करता है. उधर सीएमओ डॉ अश्वनी कुमार ने कहा कि हमको जानकारी है. नोडल अधिकारी को मामले की जांच में भेजा गया है. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
सस्ती दवा के नाम पर बंट रही मौत
बीजापुर थाना क्षेत्र के विभिन्न चट्टी चौराहे पर विभागीय मिली भगत से दर्जनों ऐसे झोलाछाप चिकित्सक बैठे हैं. जो सस्ती दवा उपचार के नाम पर गरीब ग्रामीणों को आए दिन मौत के घाट उतार रहे हैं. आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण अंचल सोनकर के बीजापुर में बंगाली दवाखाना से लेकर तमाम झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें दिखाई दे जाएंगी, जो बिना किसी मेडिकल डिग्री के दवा इलाज चीड़फाड़ बेरोकटोंक कर रहे हैं. खास बात ये है कि जब कोई घटना हो जाती है तो यह अपना बोर्ड उतारकर भूमिगत हो जाते हैं और जैसे ही मामला ठंडा होता है फिर से कहीं न कहीं बोर्ड लगाकर इलाज करने लगते हैं.
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