विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटें विधायक विहीन है. जिस पर उपचुनाव होना है. बीते मंगलवार को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 10 में से 9 सीटों पर मतदान (13 नवंबर) और मतगणना (23 नवंबर) की तिथि घोषित कर दी है. लेकिन सबसे हॉट सीट अयोध्या जनपद की मिल्कीपुर सीट पर चुनाव आयोग ने कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी की. इसी बात को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बयान भी दिया कि जिसने जंग टाली है समझो जंग हारी है.
इसके बाद समाजवादी पार्टी के पोस्टर बॉय और मिल्कीपुर के पूर्व विधायक वर्तमान में अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने अपने बयान में बताया कि जब उन्होंने 12 जून को विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा दे दिया तो वैसे ही सीट खाली हो गई. जबकि तत्कालीन मिल्कीपुर से भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ बाबा ने जो याचिका कोर्ट में दाखिल की थी वो इंफेक्चुअस हो गया यानी कि मामले में कोई वादी नहीं रहा. लेकिन इसके बाद भी चुनाव आयोग द्वारा मिल्कीपुर विधानसभा में चुनाव टालना ये समझ के परे है.
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दिल्ली ने योगी के कद में कटौती की
अयोध्या सांसद और समाजवादी पार्टी के पीडीए के पोस्टर बॉय अवधेश प्रसाद ने बताया कि दिल्ली की लखनऊ से बन नहीं रही है. इसलिए पहले मुख्यमंत्री योगी को मिल्कीपुर सीट का प्रभारी बनाया गया फिर बाद में चुनाव नहीं करवाने की व्यवस्था की गई. उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा को अच्छे से पता है कि अगर मिल्कीपुर में चुनाव करवाया जाता है तो भाजपा हजारों वोटों से हारेगी. इसलिए भाजपा कुटिल नीति अपना रही है. अवधेश प्रसाद ने कहा कि अयोध्या की हार से भाजपा में भय है. इस बात को दिल्ली में बैठे नेता भी अच्छे से जानते हैं. इसलिए पहले मेरे बेटे अजीत प्रसाद पर झूठ से बुना हुआ मुकदमा दर्ज करवाया गया. अब नया हथकंडा यानी चुनाव ना होने की नीति अपना रहे हैं.
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